रूस के राष्ट्रपति पुतिन का दिसंबर में दो दिवसीय भारत दौरा,
रक्षा समझौते पर होगी पुष्टि
1 months ago Written By: Aniket prajapati
नई दिल्ली। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले महीने 4-5 दिसंबर को दो दिवसीय राजकीय दौरे पर भारत आने वाले हैं। इस दौरे के दौरान वे 23वें भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में शामिल होंगे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। पुतिन के दौरे से पहले रूस की संसद ने भारत के साथ एक महत्वपूर्ण सैन्य समझौते को मंजूरी देने का ऐलान किया है, जो दोनों देशों के रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगा।
RELOS समझौते पर संसद की मंजूरी इस साल फरवरी में भारत और रूस के बीच रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट (RELOS) पर हस्ताक्षर हुए थे। यह समझौता दोनों देशों के बीच सामरिक और सैन्य सहयोग बढ़ाने के लिए किया गया है। अब रूसी संसद की मंजूरी मिलने के बाद इस समझौते को आधिकारिक रूप से लागू किया जाएगा। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास के अनुसार, स्टेट डूमा ने RELOS दस्तावेज को अपलोड कर दिया है।
समझौते का उद्देश्य और फायदे RELOS समझौते का उद्देश्य संयुक्त सैन्य अभ्यास, आपदा राहत और अन्य अभियानों के लिए समन्वय प्रक्रिया को सरल बनाना है। इसके तहत दोनों देशों के सैनिक आसानी से साझा अभ्यास और राहत अभियानों में भाग ले सकेंगे। इससे भारत और रूस के बीच रणनीतिक सहयोग को और मजबूती मिलेगी।
सैन्य और नौसैनिक संबंधों में सुधार इस समझौते के बाद भारतीय नौसेना के युद्धपोत और विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य रूसी नौसैनिक अड्डों का उपयोग कर सकेंगे। इसी प्रकार, रूसी नौसेना भी भारतीय सुविधाओं का इस्तेमाल कर हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी उपस्थिति मजबूत कर सकेगी।
भारत-रूस संबंधों में नई दिशा भारत और रूस के बीच लंबे समय से घनिष्ठ संबंध हैं। दोनों देशों ने ऐतिहासिक रूप से एक-दूसरे का समर्थन किया है। पुतिन का यह दौरा दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों, विशेषकर स्पेशल एंड प्रिविलेज्ड स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप को और मजबूत करेगा और भविष्य में सामरिक सहयोग को नई दिशा देगा।