ब्लास्ट वाली जगह से 9mm कारतूस बरामद… आम लोगों के लिए बैन,
सिर्फ आर्मी-पुलिस इस्तेमाल करती है ऐसी गोलियां
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
दिल्ली में लाल किले के पास हुए ब्लास्ट मामले में जांच लगातार आगे बढ़ रही है और अब कई बड़े और चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। पुलिस को ब्लास्ट वाली जगह से 9mm के तीन कारतूस मिले हैं, जिनमें से दो जिंदा और एक खाली खोल है। यह वही गोलियां हैं जो आमतौर पर सुरक्षाबलों के हथियारों में इस्तेमाल की जाती हैं। सबसे हैरानी की बात यह है कि घटना स्थल से कोई हथियार नहीं मिला, जिससे कई नए शक पैदा हो गए हैं। इसके अलावा पुलिस ने 5000 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले हैं, जिनसे संदिग्ध उमर नबी की पूरी मूवमेंट सामने आई है। फॉरेंसिक टीम ने भी विस्फोटक को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
ब्लास्ट साइट से मिले 9mm के कारतूस मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस को तीन कारतूस मिले हैं दो लाइव और एक खाली खोल। इस बात की भी जांच की गई कि क्या यह गोलियां मौके पर मौजूद किसी पुलिसकर्मी के हथियार की तो नहीं हैं, लेकिन किसी की भी सरकारी गोलियां कम नहीं निकलीं। इससे साफ है कि ये कारतूस पुलिस के किसी कर्मचारी के नहीं हैं। 9mm की गोलियां आम नागरिकों के लिए पूरी तरह बैन होती हैं, इसलिए यह और भी संदिग्ध हो जाता है कि ये कारतूस वहां कैसे पहुंचे। मौके से कोई हथियार या पिस्तौल का हिस्सा नहीं मिला है, जिससे जांच और उलझ गई है।
कारतूस चलाए गए थे या वहां रखे गए? फॉरेंसिक जांच तेज फॉरेंसिक एक्सपर्ट यह पता लगाने में जुटे हैं कि क्या ये कारतूस वहीं चलाए गए थे या किसी ने इन्हें जानबूझकर वहां रखा है ताकि पुलिस को भ्रमित किया जा सके। दोनों ही संभावनाओं को गंभीरता से जांचा किया जा रहा है। कारतूस की बरामदगी ने पुलिस की चिंता और बढ़ा दी है, क्योंकि इससे धमाके को लेकर नई थ्योरी सामने आ सकती है।
5000 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग जांच में एक बड़ी प्रगति यह है कि पुलिस को नई और पहले न देखी गई सीसीटीवी फुटेज मिली है। इसमें आरोपी उमर नबी की पूरी मूवमेंट दिखाई दे रही है। फुटेज से पता चला कि वह फरीदाबाद की यूनिवर्सिटी से निकलकर पुरानी दिल्ली तक कैसे पहुंचा। यह सब धमाके से कुछ ही घंटे पहले का है। अधिकारियों ने दिल्ली-NCR के कई जिलों और हाईवे पर लगे करीब 5000 कैमरों की फुटेज जोड़कर उसका पूरा रास्ता तैयार किया है।
हाई-ग्रेड विस्फोटक की पुष्टि, 30–40 किलो सामग्री होने का शक फॉरेंसिक टीम को मौके से एक ऐसा केमिकल मिला है जो अमोनियम नाइट्रेट से भी ज्यादा शक्तिशाली है। टीम का मानना है कि धमाके की ताकत देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि कार में लगभग 30 से 40 किलो विस्फोटक भरा हुआ था। यह जानकारी सामने आने के बाद पुलिस इसे एक बड़े और योजनाबद्ध हमले की आशंका के रूप में देख रही है।