रूस ने फिर उड़ाई ‘बुरेवेस्तनिक’ मिसाइल,
ट्रंप बोले पुतिन मिसाइल नहीं, जंग खत्म करें
2 months ago Written By: Aniket Prajapati
रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच रूस ने फिर से ताकत का प्रदर्शन करते हुए अपनी घातक न्यूक्लियर-सक्षम मिसाइल ‘बुरेवेस्तनिक’ का सफल परीक्षण किया है। इस परीक्षण के बाद अमेरिका में हलचल मच गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को सीधे शब्दों में नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि पुतिन को अब नई मिसाइलें टेस्ट करने के बजाय यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर ध्यान देना चाहिए, ट्रंप ने एशिया दौरे के दौरान एयर फोर्स वन विमान में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, “उन्हें यह युद्ध खत्म करना चाहिए। यह जंग जो एक हफ्ते में खत्म हो जानी चाहिए थी, अब अपने चौथे साल में जा रही है। मिसाइलों का टेस्ट करने की जगह पुतिन को शांति की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।”
रूस ने किया ‘बुरेवेस्तनिक’ का सफल परीक्षण रूसी सेना के चीफ ऑफ जनरल स्टाफ वैलेरी गेरासिमोव ने पुतिन को रिपोर्ट दी कि 21 अक्टूबर को बुरेवेस्तनिक मिसाइल का मल्टी-ऑवर फ्लाइट टेस्ट सफल रहा। यह मिसाइल 14,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी है। रूस का दावा है कि यह इसकी पूरी सीमा नहीं है। रूसी एजेंसी TASS के अनुसार, मिसाइल ने 15 घंटे तक उड़ान भरी और वर्टिकल व हॉरिजॉन्टल दोनों तरह की मैन्युवरिंग सफलतापूर्वक पूरी की। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह मात्र 50 से 100 मीटर की ऊंचाई पर उड़ सकती है, जिससे इसे ट्रैक और इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल हो जाता है।
क्या है ‘बुरेवेस्तनिक’ मिसाइल की ताकत यह वही मिसाइल है जिसे रूस ने पहली बार 2018 में दुनिया के सामने पेश किया था। NATO ने इसे ‘Skyfall’ कोड नाम दिया है। यह मिसाइल परमाणु रिएक्टर से संचालित होती है और लॉन्च के बाद इसे सॉलिड फ्यूल बूस्टर सहारा देते हैं। रूस का दावा है कि बुरेवेस्तनिक 10,000 से 20,000 किलोमीटर तक वार कर सकती है, यानी यह रूस से सीधे अमेरिका तक पहुंच सकती है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि रूस को अब भी इस मिसाइल को तकनीकी रूप से भरोसेमंद बनाने में भारी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं।
13 में से सिर्फ दो टेस्ट ही सफल इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (IISS) की रिपोर्ट बताती है कि बुरेवेस्तनिक की सफलता इस बात पर निर्भर है कि रूस इसका न्यूक्लियर प्रोपल्शन सिस्टम कितना सुरक्षित और भरोसेमंद बना सकता है। अमेरिकी एयर फोर्स की 2021 की रिपोर्ट में कहा गया था कि यह मिसाइल रूस को एक इंटरकॉन्टिनेंटल क्षमता वाला अनोखा हथियार दे सकती है। लेकिन अब तक के आंकड़ों के मुताबिक, 13 परीक्षणों में से केवल दो ही आंशिक रूप से सफल रहे हैं, जबकि एक हादसे में कई सैनिकों की मौत भी हो चुकी है।