श्रीनगर के एक पोस्टर ने खोला 2900 किलो विस्फोटक का राज…
790KM दूर चल रहा था डॉक्टर्स ऑफ टेरर का खेल
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके और उससे जुड़ी जांच में एक चौंकाने वाली कड़ी सामने आई है। श्रीनगर के नौगाम इलाके में मिले जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टरों की शुरुआती जांच ने 800 किलोमीटर दूर फरीदाबाद व सहारनपुर तक फैला एक गुप्त आतंकी नेटवर्क उजागर कर दिया। जांच के दौरान 2,900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ और तीन डॉक्टरों सहित कई लोगों की गिरफ्तारी हुई। माना जा रहा है कि अगर यह सामग्री सक्रिय होती तो दिल्ली-एनसीआर में भारी तबाही हो सकती थी। मामला अब NIA के हाथ में है और जांच कई एंगल से तेज़ी से चल रही है।
पोस्टर से शुरू हुई लंबी जांच 18 अक्टूबर को श्रीनगर में लगाए गए धमकी भरे पोस्टरों ने पुलिस की नज़र पकड़ी। पोस्टरों में छिपे एन्क्रिप्टेड कोडों का विश्लेषण करने में करीब 21 दिन लगे। डिकोड होने पर पता चला कि विदेश में बैठे हैंडलर्स भारत में बड़े हमले का निर्देश दे रहे थे। यही शुरुआती सुराग आगे चलकर फरीदाबाद के मॉड्यूल तक पहुंचा।
सहारनपुर और फरीदाबाद में गिरफ्तारी और खुलासे 6 नवंबर को सहारनपुर से डॉ. अदील अहमद राठर गिरफ्तार हुआ उससे मिले सुरागों ने जांचकर्ताओं को फरीदाबाद की ओर मोड़ा। वहां से डॉ. मुज़म्मिल शकील पकड़ा गया, जिसके ठिकानों से टन भरों में विस्फोटक, इलेक्ट्रॉनिक टाइमर और रसायन बरामद हुए। कुल मिलाकर लगभग 2,900 किलो विस्फोटक और संबंधित उपकरण अपने आप में एक बड़े हमले की तैयारी का संकेत थे।
डॉक्टर्स गैंग और उसकी कार्यप्रणाली जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह एक शिक्षित, व्हाइट-कॉलेर मॉड्यूल था डॉक्टर, मौलवी और छात्र शामिल थे। इन्हें हैंडलर्स ने टेलीग्राम, सिग्नल और डार्क-वेब जैसे एन्क्रिप्टेड चैनलों से निर्देश, फंडिंग और सामग्री मुहैया करवाई। एजेंसियां इन हैंडलर्स का संबंध पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के स्लीपर सेल्स से जोड़ रही हैं।
दिल्ली धमाका — घबराहट या बड़ा प्लान? जांच के मुताबिक, चारों गिरफ्तारों के अलावा डॉ. उमर महमूद भागने में कामयाब रहा। पुलिस मानती है कि जब फरीदाबाद मॉड्यूल उजागर हुआ तो उमर घबराकर लाल किले के पास कार में विस्फोटक सक्रिय कर बैठा। धमाका पैनिक रिएक्शन का नतीजा दिखता है, विशेषज्ञों का कहना है कि अगर यह पूरी तरह योजनाबद्ध होता तो तबाही और भी ज्यादा होती।
अब क्या हो रहा है जांच में NIA ने केस अपने हाथ में ले लिया है। उमर की पहचान की पुष्टि के लिए उसकी मां का डीएनए सैंपल लिया गया और उसके दो भाइयों को हिरासत में रखा गया है। एजेंसियां NCR के अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और छात्र संगठनों पर गहन नजर रख रही हैं ताकि नेटवर्क के शेष तार टूटें। राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जांच कई राज्यों में चल रही है।