इलाहाबाद हाई कोर्ट की टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट नाराज़,
कहा- न्याय दिखना भी जरूरी
15 days ago
Written By: State Desk
इलाहाबाद हाई कोर्ट की रेप पीडिता पर की गई टिप्पणी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उसपर खासी नाराजगी जाहिर की है। यहां एक रेप के आरोपी को जमानत देते हुए कोर्ट ने पीड़िता को ही घटना का जिम्मेदार बताया था। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए संवेदनशील मामलों में फैसला सुनते वक्त किसी भी विवादित टिप्पणी से बचने की हिदायत हाईकोर्ट को दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट की टिप्पणी को बताया असंवेदनशील
यहां हाई कोर्ट द्वारा एक मामले ने आरोपी को जमानत देते हुए बालात्कार पीड़िता को लेकर कहा गया था कि "पीड़िता शराब के नशे में आरोपी के घर गई थी, इसलिए उसने खुद ही खतरा मोल लिया। उसकी हालत की वो खुद है तथा उसने खुद मुसीबत बुला ली।" कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद देशभर में इसकी आलोचना हो रही थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी को बेहद असंवेदनशील बताते हुए इससे बचने की हिदायत दी है।
जमानत पर टिप्पणी: कोर्ट ने दी सख्त चेतावनी
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने इस मामले को गंभीरता से लिया। जस्टिस गवई ने कहा, जमानत दी जा सकती है, लेकिन यह कहना कि महिला ने खुद परेशानी बुला ली, बेहद गलत है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी कहा, न्याय सिर्फ होना नहीं चाहिए, बल्कि लोगों को न्याय होते हुए दिखना भी चाहिए। यह मामला अब चार हफ्ते बाद फिर से सुना जाएगा। कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस भेजा है और जवाब मांगा है। यह याचिका जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन अलायंस और पीड़िता की मां ने मिलकर दायर की थी। वरिष्ठ वकील एचएस फूलका ने कोर्ट को बताया कि हाई कोर्ट ने पीड़िता की मां का नाम तक सार्वजनिक कर दिया, जो नियमों के खिलाफ है।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले पर लगाई थी रोक
इससे पहले 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक अन्य विवादित फैसले पर भी रोक लगाई थी। उस फैसले में कहा गया था कि महिला का पायजामा खींचना और छाती दबाना, बलात्कार की कोशिश नहीं माना जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने उस फैसले को असंवेदनशील और अमानवीय करार दिया और कहा कि इस तरह की टिप्पणियां कानून के मूल सिद्धांतों के खिलाफ हैं। कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले के कुछ हिस्सों पर रोक लगाते हुए स्पष्ट किया कि अब वे टिप्पणियां किसी भी मामले में इस्तेमाल नहीं की जा सकेंगी।