सुप्रीम कोर्ट ने कहा-बिटकॉइन ट्रेडिंग हवाला जैसी अवैध गतिविधि,
केंद्र से पूछा– आखिर रेगुलेशन कब?
2 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
Crypto Regulation India: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण टिप्पणी में बिटकॉइन ट्रेडिंग को हवाला कारोबार की तरह ही अवैध गतिविधि करार दिया है। यहां जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने कहा है कि, “क्रिप्टोकरेंसी के लिए एक समानांतर अंडरग्राउंड मार्केट तैयार हो चुका है, जो देश की आर्थिक व्यवस्था को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।” जिसके बाद बिट कॉइन में ट्रेड करने वालो में हड़कम्प मचा हुआ है।
कोर्ट ने सरकार से किया सावल
इस बाबत कोर्ट कोर्ट ने केंद्र सरकार से सावाल किया है कि, आखिर अब तक क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के लिए कोई स्पष्ट और ठोस नीति क्यों नहीं बनाई गई। बेंच ने केंद्र की ओर से पेश हुई एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से कहा कि सरकार को क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करके इस पर नजर रखनी चाहिए।
कोर्ट ने केंद्र को 2 साल पुराने वादे की याद दिलाई
एक मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को यह भी याद दिलाया कि लगभग दो साल पहले ही उसने डिजिटल करेंसी पर भारत की नीति को लेकर स्पष्टता मांगी थी, लेकिन सरकार इस दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई है। अदालत ने इसे "एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर आंखें मूंदने" जैसा करार दिया। बेंच ने यह भी स्पष्ट किया है कि, अदालत सरकार से बिटकॉइन ट्रेडिंग पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग नहीं कर रही है। कोर्ट ने कहा, "आपने पहले ही कहा है कि क्रिप्टोकरेंसी अवैध नहीं है और इस पर बैन लगाना अर्थव्यवस्था के लिए उचित नहीं होगा। लेकिन सवाल यह है कि इसे रेगुलेट करने के बारे में आपने क्या सोचा है?"
आरोपी पीड़ित है या प्रताड़क, तय नहीं: सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट की यह महत्वपूर्ण टिप्पणी गुजरात में अवैध बिटकॉइन ट्रेड के एक मामले में आरोपी शैलेश बाबूलाल भट्ट की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सामने आई। बताते चलें कि, शैलेश भट्ट पर कई राज्यों में क्रिप्टो फ्रॉड और अपहरण जैसे संगीन आरोप हैं। इस दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने बताया कि भट्ट गुजरात में बिटकॉइन के बड़े व्यापारियों में से एक है, जिसने हाई रिटर्न का वादा करके कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की और अपहरण जैसे अपराध किए। वहीं, भट्ट के वकील मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग फिलहाल अवैध नहीं है, खासतौर पर 2020 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा उस आरबीआई सर्कुलर को रद्द करने के बाद, जिसमें बैंकों को क्रिप्टो लेनदेन से रोक दिया गया था।
पहले भी जता चुकी है चिंता
मामले को लेकर कोर्ट का ऐसा रूख पहली बार नहीं है, इससे पहले 5 मई को भी सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि, “भारत में बिटकॉइन ट्रेडिंग हवाला के आधुनिक रूप जैसा है और यह साफ चिंता का विषय है कि केंद्र सरकार अब तक इसे रेगुलेट करने में विफल रही है।” जिसके बाद अब एक और मामले में कोर्ट ने यह टिप्पणी की है।
टैक्स लगता है, लेकिन कानूनी स्थिति अस्पष्ट
बताते चलें कि, भारत में बिटकॉइन, एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी को अबतक न तो कोई कानूनी मान्यता मिली है और न ही पूरी तरह से इसे बैन किया गया है। हालांकि, सरकार क्रिप्टो ट्रेड से होने वाले मुनाफे पर 30% टैक्स वसूलती है और प्रत्येक ट्रेड पर 1% टीडीएस भी काटा जाता है। हाहालांकि, आरबीआई भी क्रिप्टो निवेश को लेकर बार-बार लोगों को जोखिमों के प्रति सचेत करता रहा है। बताते चलें कि, वर्ष 2021 में एक क्रिप्टो रेगुलेशन ड्राफ्ट बिल तैयार हुआ था, लेकिन वह अब तक संसद में पेश नहीं किया गया। वहीं जुलाई 2023 में सुप्रीम कोर्ट की एक अन्य बेंच ने केंद्र से यह भी पूछा था कि, “क्या सरकार क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े आपराधिक मामलों की जांच के लिए किसी विशेष एजेंसी का गठन करना चाहती है ?” कोर्ट ने यह भी कहा था कि, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि न तो कोई कानून है और न ही कोई विशेषज्ञ जांच एजेंसी।”