सुप्रीम कोर्ट में ऑनलाइन अश्लील कंटेंट पर सुनवाई,
केंद्र सरकार और प्रमुख OTT प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी
2 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Supreme Court : सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक महत्वपूर्ण याचिका पर सुनवाई हुई। इस याचिका में ऑनलाइन अश्लील कंटेंट की स्ट्रीमिंग पर रोक लगाने की मांग की गई थी। कोर्ट ने केंद्र सरकार और 9 प्रमुख OTT व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। इस मामले में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने याचिका पर गंभीर चिंता जताते हुए केंद्र सरकार से इस पर कदम उठाने की आवश्यकता जताई है। कोर्ट ने यह भी कहा कि यह मामला कार्यपालिका और विधायिका के अधिकार क्षेत्र में आता है, लेकिन फिर भी इस मामले में नोटिस जारी किया गया है। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जवाब दिया कि सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म्स पर पहले से कुछ रेगुलेशन मौजूद हैं। साथ ही, सरकार नए नियमों को लागू करने पर विचार कर रही है।
सोशल मीडिया पर बेधड़क दिखाई जा रही है अश्लील सामग्री
याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट विष्णु शंकर जैन ने कहा कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री बिना किसी रोक-टोक के दिखाई जा रही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि इस प्रकार की सामग्री युवाओं और बच्चों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसे गंभीर मामला बताया और कहा कि यह बच्चों के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि कुछ कंटेंट में विकृत भाषा का प्रयोग किया जा रहा है।
अश्लील कंटेंट को लेकर याचिका दायर
याचिकाकर्ता उदय माहुरकर ने अपनी याचिका में यह भी दावा किया कि इंटरनेट की सस्ती कीमत के कारण अश्लील कंटेंट तक पहुंच आसान हो गई है। उनका मानना है कि इस प्रकार की सामग्री अपराध दर को बढ़ा सकती है। बता दें कि केंद्र सरकार वर्तमान में डिजिटल इंडिया बिल लाने की योजना बना रही है, जिसका उद्देश्य सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट पर रोक लगाना है। इसके अलावा, 2021 में सरकार ने सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए गाइडलाइंस भी जारी की थीं, जो कंटेंट की निगरानी और शिकायत प्रणाली पर आधारित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीर बताते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है और इस मुद्दे पर आगे की सुनवाई के लिए नोटिस जारी किया है।