सुप्रीम कोर्ट में मल्टीप्लेक्स के महंगे खाने-पीने पर तीखी टिप्पणी,
कहा– ऐसे दाम रहे तो खाली हो जाएंगे सिनेमा हॉल
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को सिनेमा हॉल और मल्टीप्लेक्स में खाने-पीने की चीजों की ऊंची कीमतों को लेकर जमकर बहस हुई। अदालत ने इस पर सख्त रुख दिखाते हुए कहा कि अगर यही हाल रहा तो लोग सिनेमा हॉल जाना ही छोड़ देंगे और ये जगहें खाली रह जाएंगी। कोर्ट फिल्म टिकट की अधिकतम कीमत से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रहा था, जिसे मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और अन्य ने दायर किया था।
पानी की बोतल 100 और कॉफी 700 रुपये सुनवाई के दौरान जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन से सवाल किया कि आप एक पानी की बोतल के 100 रुपये और कॉफी के 700 रुपये कैसे ले सकते हैं? इस पर एसोसिएशन के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि ताज होटल में कॉफी 1000 रुपये की मिलती है, क्या आप उसका रेट भी तय कर सकते हैं? इस पर जस्टिस नाथ ने कहा कि हां, वो रेट भी तय होने चाहिए।
लोगों के लिए सिनेमा किफायती बनाइए, वरना हॉल खाली रह जाएंगे’ जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा कि सिनेमा हॉल पहले से ही कमजोर हो रहे हैं। अगर लोगों के लिए टिकट और खाने-पीने की कीमतें कम नहीं की गईं, तो वे आना बंद कर देंगे। इस पर रोहतगी ने तर्क दिया कि “तो रहने दीजिए हॉल खाली। लोग चाहें तो सिंगल स्क्रीन थिएटर में जाएं।” इस पर कोर्ट ने कहा कि अब सामान्य सिनेमा हॉल बचे ही कहां हैं।
टिकट की अधिकतम कीमत 200 रुपये तय करने पर भी बहस कोर्ट ने कहा कि वह हाई कोर्ट की उस डिवीजन बेंच के आदेश से सहमत है, जिसमें टिकट की अधिकतम सीमा 200 रुपये तय की गई थी। लेकिन मुकुल रोहतगी ने कहा कि यह शर्तें व्यावहारिक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कैश पेमेंट करने वालों की पहचान या आईडी लेना संभव नहीं, क्योंकि ज्यादातर टिकट ऑनलाइन बुक माई शो जैसे प्लेटफॉर्म से खरीदे जाते हैं।
कर्नाटक सरकार ने दी सफाई कर्नाटक सरकार के वकील ने कहा कि डिवीजन बेंच ने सिर्फ एक अंतरिम व्यवस्था दी है, ताकि अगर राज्य केस जीत जाए तो दर्शकों को अतिरिक्त पैसे वापस मिल सकें। उदाहरण देते हुए कहा गया कि अगर कोई 1000 रुपये की टिकट खरीदता है और बाद में राज्य जीत जाता है, तो उसे 800 रुपये वापस मिलेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कर्नाटक सरकार और अन्य को नोटिस जारी किया। साथ ही हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के आदेश पर रोक लगा दी। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 25 नवंबर को होगी।
क्या है पूरा विवाद? कर्नाटक सरकार ने पहले मल्टीप्लेक्स में फिल्मों की टिकट का दाम अधिकतम 200 रुपये तय किया था। इसके खिलाफ मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन और प्रोडक्शन हाउस ने हाई कोर्ट का रुख किया था। डिवीजन बेंच ने सरकार के आदेश पर स्टे तो रखा, लेकिन टिकट बिक्री के रसीद और ऑडिट जैसी शर्तें जोड़ दीं। इन्हीं शर्तों को चुनौती देते हुए एसोसिएशन सुप्रीम कोर्ट पहुंची।