भारत की विदेश में हो रही है छवि खराब…
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों पर लापरवाही दिखाने वाले राज्यों को लगाई फटकार
2 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Supreme Court: आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने उन सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को तलब किया है जिन्होंने अब तक ‘पशु जन्म नियंत्रण (Animal Birth Control – ABC) नियमों के तहत हलफनामा दाखिल नहीं किया। सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को सभी राज्यों को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन तीन राज्यों को छोड़कर किसी ने अनुपालन नहीं किया। इस पर अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि अब जिन राज्यों ने आदेशों का पालन नहीं किया, उनके मुख्य सचिवों को 3 नवंबर 2025 को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में हाजिर होना होगा।
तीन महीने बाद भी हलफनामा दाखिल नहीं, सुप्रीम कोर्ट नाराज जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस संदीप मेहता और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने बताया कि सिर्फ पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और दिल्ली नगर निगम ने ही हलफनामे दाखिल किए हैं। बाकी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने आदेश की अनदेखी की। जस्टिस विक्रम नाथ ने टिप्पणी की मुख्य सचिव बताएं कि हलफनामा क्यों नहीं दाखिल किया गया। यदि स्पष्टीकरण नहीं दिया गया तो जुर्माना लगाया जाएगा। कोर्ट ने कहा कि नोटिस पहले ही जारी किए गए थे, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया।
मुख्य सचिवों को 3 नवंबर को कोर्ट में पेश होने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अधिकारियों को अदालत के आदेशों की गंभीरता समझनी चाहिए। जस्टिस नाथ ने तीखे शब्दों में कहा क्या आपके अधिकारी अखबार या सोशल मीडिया नहीं पढ़ते? सबको जानकारी थी, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। यदि 3 नवंबर को कोई मुख्य सचिव नहीं आया तो हम ऑडिटोरियम में अदालत लगाएंगे। अदालत ने यह भी कहा कि इस तरह की लापरवाही से विदेशों में भारत की छवि खराब होती है।
अगस्त में हुआ था बड़ा आदेश दरअसल, यह मामला मूल रूप से दिल्ली-NCR से जुड़ा था, लेकिन 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इसे पूरे देश के लिए लागू कर दिया। अदालत ने कहा कि सभी आवारा कुत्तों को पकड़ने के बाद नसबंदी और टीकाकरण किया जाए और फिर उन्हें उसी इलाके में छोड़ा जाए जहां से वे पकड़े गए थे। सिर्फ बीमार या हिंसक कुत्तों को ही शेल्टर होम में रखा जा सकता है। इससे पहले 11 अगस्त को कोर्ट ने सभी आवारा कुत्तों को स्थायी रूप से शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया था, जिसे बाद में संशोधित कर दिया गया क्योंकि एनिमल वेलफेयर संगठनों ने इसे अमानवीय बताया था।
अदालत का स्पष्ट संदेश- आदेशों का पालन करें या कार्रवाई झेलें सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अब कोई राज्य बहाना नहीं बना सकता। अदालत ने साफ किया कि पशु जन्म नियंत्रण नियम का कड़ाई से पालन किया जाए ताकि आवारा कुत्तों की समस्या को मानवीय और व्यवस्थित तरीके से सुलझाया जा सके। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि आगे की सुनवाई में हलफनामा न देने वाले राज्यों पर कड़ी कार्रवाई होगी।