देश के 5 चमत्कारी मंदिर जहां पुत्र प्राप्ति की होती है मान्यता,
दर्शन मात्र से पूरी होती है मनोकामना
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
देश में मौजूद लाखों मंदिर अपनी-अपनी मान्यताओं और चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध हैं। कहीं पापों से मुक्ति मिलती है तो कहीं मनोकामना पूर्ण होती है। कुछ मंदिर ऐसे भी हैं, जहां संतान या पुत्र प्राप्ति के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन मंदिरों में श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करने से निसंतान दंपत्ति को संतान सुख की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं देश के उन पांच प्रमुख मंदिरों के बारे में, जिन्हें संतान प्राप्ति के लिए सबसे चमत्कारी माना जाता है।
कर्नाटक का श्री संथाना गोपाल कृष्णस्वामी मंदिर कर्नाटक के मैसूर में स्थित यह मंदिर भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप को समर्पित है। यहां भक्त संथाना गोपाल रूप में भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में पूजा करने से संतान सुख में आ रही सभी बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। जिन दंपत्तियों को संतान नहीं होती, वे यहां भगवान से प्रार्थना करते हैं, और उनकी मनोकामना पूरी होती है। कई भक्तों का कहना है कि यहां पूजा करने के बाद उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई।
कुक्के सुब्रमण्यम मंदिर, कर्नाटक यह मंदिर भगवान कार्तिकेय (सुब्रमण्यम) को समर्पित है और सर्प दोष निवारण के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां पूजा-अर्चना करने से सर्प दोष समाप्त होता है और संतान प्राप्ति की संभावना बढ़ती है। भक्तों का विश्वास है कि भगवान सुब्रमण्यम के आशीर्वाद से न केवल संतान सुख मिलता है, बल्कि जीवन से नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त होती है।
सिमसा माता मंदिर, हिमाचल प्रदेश हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के लडभड़ोल में स्थित सिमसा माता मंदिर एक पहाड़ी पर बना है। कहा जाता है कि करीब 200 वर्ष पहले टोभा सिंह नामक व्यक्ति को महाशिवरात्रि के दिन माता की पिंडी मिली थी, जिसके बाद यह मंदिर बना। नवरात्रों में यहां संतान प्राप्ति के लिए हजारों श्रद्धालु आते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से पूजा करने पर देवी माता सपने में दर्शन देकर संतान का आशीर्वाद देती हैं।
संतानेश्वर महादेव मंदिर, वाराणसी वाराणसी का यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। संतान सुख के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की यहां बड़ी संख्या होती है। मान्यता है कि संतानेश्वर महादेव की पूजा करने से निसंतान दंपत्ति को पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। भगवान शिव से की गई प्रार्थना यहां कभी व्यर्थ नहीं जाती।
विंध्यवासिनी देवी मंदिर, विंध्याचल (उत्तर प्रदेश) उत्तर प्रदेश के विंध्याचल में स्थित यह मंदिर देवी दुर्गा के विंध्यवासिनी स्वरूप को समर्पित है। यहां श्रद्धालु पुत्र प्राप्ति की कामना से माता का दर्शन करते हैं। मान्यता है कि सच्चे मन से मां विंध्यवासिनी से प्रार्थना करने वालों की मुराद अवश्य पूरी होती है।