ट्रम्प ने G20 समिट का बहिष्कार किया,
कहा- दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों के साथ अन्याय हो रहा है
1 months ago Written By: ANIKET PRAJAPATI
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह इस महीने के अंत में साउथ अफ्रीका में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। ट्रम्प ने साफ कहा कि अमेरिका से कोई भी अधिकारी इस समिट में नहीं जाएगा। राष्ट्रपति ट्रम्प ने इस निर्णय के पीछे दक्षिण अफ्रीका में श्वेत किसानों, खासकर अफ्रीकानर्स के साथ हो रहे कथित उत्पीड़न और जमीनों के अवैध कब्जे का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि जब तक मानवाधिकारों का सम्मान नहीं होगा, कोई अमेरिकी प्रतिनिधि वहां नहीं जाएगा।
ट्रम्प ने खुद कारण बताया, ट्वीट नहीं बल्कि ट्रुथ सोशल पर पोस्ट
ट्रम्प ने अपने सोशल प्लेटफार्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि यह बेहद शर्मनाक है कि G20 दक्षिण अफ्रीका में आयोजित किया जाएगा। उनके शब्दों में, “अफ्रीकानर्स को मारा और काटा जा रहा है, उनकी जमीनें और खेत अवैध रूप से कब्जे में लिए जा रहे हैं। जब तक यह सब रुकता नहीं, कोई भी अमेरिकी सरकारी अधिकारी इसमें शामिल नहीं होगा।”
उपराष्ट्रपति की संभावित भागीदारी भी रद्द हुई
पहले यह उम्मीद जताई जा रही थी कि अगर ट्रम्प नहीं जाएंगे तो उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस समिट में प्रतिनिधि के रूप में भाग ले सकते हैं। मगर ट्रम्प के निर्णय के बाद अब ऐसा भी नहीं होगा और अमेरिका की तरफ से कोई औपचारिक प्रतिनिधि नहीं भेजे जाने की घोषणा हुई है।
ट्रम्प ने 2026 में मियामी में भाग लेने का वादा किया
ट्रम्प ने कहा कि वे 2025 के समिट में शामिल नहीं होंगे, लेकिन उन्होंने बताया कि वे 2026 में मियामी (फ्लोरिडा) में आयोजित G20 समिट की मेजबानी करने के लिए उत्साहित हैं और तब भाग लेंगे।
साउथ अफ्रीका ने आरोपों का खंडन किया, रामफोसा ने बताया झूठा आरोप
दक्षिण अफ्रीकी अधिकारियों ने ट्रम्प के आरोपों का खंडन किया है। सरकार ने कहा कि वे भेदभाव के आरोपों से हैरान हैं और देश में श्वेत आबादी का जीवन आमतौर पर अश्वेत निवासियों से बेहतर स्तर पर है। राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने बताया कि उन्होंने ट्रम्प से कहा है कि अफ्रीकियों के साथ कथित भेदभाव और उत्पीड़न की जानकारी पूरी तरह गलत है।
राजनीतिक और कूटनीतिक असर
ट्रम्प के इस बहिष्कार से G20 की बैठकों और बहुपक्षीय कूटनीति पर असर पड़ने की संभावना है। अमेरिका का कोई आधिकारिक प्रतिनिधि न भेजना वैश्विक मंच पर तल्ख राजनीतिक संदेश भी माना जा रहा है। हालांकि दक्षिण अफ्रीका और अमेरिका दोनों ने अपने-अपने रुख स्पष्ट कर दिए हैं और द्विपक्षीय बातचीत जारी रहने की संभावना बताई जा रही है।