क्यों तेजी से मुसलमान बन रहे हैं ब्रिटेन के हिंदू-ईसाई,
IIFL की रिपोर्ट ने बताया असली कारण
2 days ago Written By: Ashwani Tiwari
ब्रिटेन में धर्म परिवर्तन के पैटर्न तेज़ी से बदल रहे हैं और नई रिपोर्ट के अनुसार इस बदलाव के केंद्र में इस्लाम प्रमुख रूप से उभर रहा है। इंस्टीट्यूट फॉर द इम्पैक्ट ऑफ फेथ इन लाइफ (IIFL) की ताज़ा स्टडी बताती है कि देश में बड़ी संख्या में लोग इस्लाम अपना रहे हैं। यह बदलाव सिर्फ धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं, बल्कि वैश्विक संघर्षों, मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक असंतुलन जैसे कारणों से भी जुड़ा हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार 2,774 ऐसे लोगों का सर्वे किया गया जिन्होंने हाल के सालों में अपना धर्म बदला या छोड़ दिया। इस सर्वे में जो सामने आया, वह ब्रिटेन के बदलते सामाजिक माहौल को स्पष्ट रूप से दिखाता है।
इस्लाम अपनाने वालों की सबसे बड़ी वजह- वैश्विक संघर्ष रिपोर्ट का सबसे बड़ा खुलासा यह है कि इस्लाम अपनाने वालों में विश्व स्तर पर चल रहे संघर्ष सबसे प्रमुख कारण हैं। इजराइल-गाज़ा युद्ध (2023–24) के दौरान पश्चिमी देशों में इस्लाम अपनाने की खबरें सामने आई थीं, और अब यह रिपोर्ट इसी बढ़ते रुझान की पुष्टि करती है। लोगों ने बताया कि दुनिया भर में अन्याय और युद्ध की स्थिति ने उन्हें इस्लाम की ओर आकर्षित किया, जिसे वे एक न्याय-संतुलित धर्म के रूप में देखते हैं।
ब्रिटेन में घट रहा ईसाई धर्म, बढ़ रहा नास्तिक वर्ग रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब ब्रिटेन में ईसाई आबादी तेजी से कम होती दिख रही है। 2021 की जनगणना के अनुसार, सिर्फ 46.2% लोग खुद को ईसाई बताते हैं, जो 2011 की तुलना में 13% कम है। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि बड़ी संख्या में लोग अब संगठित धर्म छोड़कर नास्तिक या गैर-धार्मिक श्रेणी में जा रहे हैं।
39% लोग किसी भी धर्म से बाहर हो गए
44% ने चर्च छोड़ दिया
यह देश में तेजी से फैलते सेक्युलरिज़्म का संकेत है, हालांकि रिपोर्ट कहती है कि यह रुझान सीधा और सरल नहीं है।
मानसिक स्वास्थ्य बना धर्म बदलने का बड़ा कारण इस्लाम अपनाने वालों में 18% कन्वर्ट्स ने बताया कि वे मानसिक तनाव, ट्रॉमा या जीवन के कठिन पड़ाव के दौरान इस्लाम की ओर आकर्षित हुए। दूसरी ओर ईसाई धर्म अपनाने वालों में 31% लोगों ने कोविड-19 के दौरान हुए नुकसान को मुख्य कारण बताया। 23% ने मानसिक स्वास्थ्य को वजह माना। वहीं हिंदू, बौद्ध और सिख धर्म अपनाने वालों में मानसिक शांति और वेलनेस प्रैक्टिस मुख्य आकर्षण रही। लगभग 35% लोगों ने कहा कि योग, ध्यान और माइंडफुलनेस ने उन्हें इन धर्मों की ओर खींचा।