अमेरिकी लड़की के गले से आती थी मेंढक जैसी आवाज, जांच में निकली ये बात,
सुनकर लोग रह गए हैरान
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Viral News: न्यूयॉर्क की 23 वर्षीय इसाबेल ज़ाइडनर की जिंदगी एक ऐसी अजीब बीमारी ने मुश्किल कर दी थी, जिसके बारे में सुनकर लोग हैरान हो जाते हैं। बारिश के दिनों में मेंढकों की टर्र-टर्र से परेशान होने वाले लोग सोच भी नहीं सकते कि किसी इंसान के गले से वैसी आवाज आ सकती है। इसाबेल के साथ यही हुआ। उनके गले से मेंढक जैसी टर्र-टर्र की आवाज आने लगी, जिससे वह सार्वजनिक जगहों पर शर्मिंदा हो जाती थीं। शुरुआत में इसे मामूली समझकर नजरअंदाज किया गया, लेकिन बाद में पता चला कि यह एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी है।
बचपन से शुरू हुई परेशानी
इसाबेल बताती हैं कि जब वह नौ-दस साल की थीं, तब हर जुकाम के दौरान उनके गले से अजीब गड़गड़ाहट और टर्र-टर्र जैसी आवाज आती थी। धीरे-धीरे यह समस्या बढ़कर उनकी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गई। उन्होंने पहली बार इसे पांचवीं कक्षा में नोटिस किया। खाना खाने या खास फूड लेने के बाद भी गले से अजीब आवाज आने लगती थी। यहां तक कि किसी लड़के को किस करने पर भी यह आवाजें सुनाई देती थीं। इसके साथ ही उन्हें ब्लोटिंग, सीने में जलन और कई बार उल्टी तक हो जाती थी।
दुर्लभ बीमारी नो बर्प सिंड्रोम
परिवार ने इसे एसिड रिफ्लक्स मानकर नजरअंदाज किया, लेकिन असल में यह रेट्रोग्रेड क्रिकोफैरिंजियस डिस्फंक्शन (R-CPD) नाम की बीमारी थी। आम भाषा में इसे नो बर्प सिंड्रोम कहते हैं, यानी डकार न ले पाने की समस्या। इसमें गले की ऊपरी क्रिकोफैरिंजियस मांसपेशी समय पर रिलैक्स नहीं हो पाती। नतीजतन, गैस बाहर नहीं निकलती और गले से अजीब आवाजें आने लगती हैं।
डॉक्टर की जांच और सवाल
कॉलेज के दौरान इसाबेल ने कई टेस्ट कराए, लेकिन सब सामान्य निकले। आखिरकार उन्हें नॉर्थवेल हेल्थ के सेंटर फॉर वॉइस एंड स्वॉलोइंग डिसॉर्डर्स के डायरेक्टर और ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. सेठ कैपलन के पास भेजा गया। डॉ. कैपलन ने उनसे चार सवाल पूछे क्या कभी डकार ली है, क्या ब्लोटिंग ज्यादा होती है, क्या गैस की समस्या रहती है और क्या गले या सीने में गड़गड़ाहट की आवाज आती है। इसाबेल ने चारों के जवाब हां में दिए और उनकी बीमारी की पुष्टि हो गई।
इलाज से मिली नई जिंदगी
इस साल अप्रैल में इसाबेल को बोटॉक्स इंजेक्शन दिया गया, जिससे उनकी क्रिकोफैरिंजियस मसल रिलैक्स हो गई और गैस आसानी से बाहर निकलने लगी। कुछ ही दिनों में उन्हें राहत मिली। डॉक्टर कैपलन के मुताबिक, अब इस बीमारी के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं क्योंकि लोग इसके बारे में जानने लगे हैं। उन्होंने कहा कि इसके कारण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह अक्सर बचपन से जुड़ी समस्या होती है। बोटॉक्स के बाद इसाबेल की जिंदगी पूरी तरह बदल गई। अब वह बिना डर के कार्बोनेटेड ड्रिंक ले सकती हैं, उन्हें ब्लोटिंग या एसिडिटी नहीं होती। इसाबेल कहती हैं यह मेरे लिए जीवनरक्षक साबित हुआ है। पहले मुझे अपना शरीर बोझ लगता था, लेकिन अब मैं खुद को लेकर आत्मविश्वासी और पॉज़िटिव महसूस करती हूं।