अमेरिका आने-जाने वालों पर सख्ती… अब हर विदेशी का खींचा जाएगा फोटो,
जानें नया नियम कब से होगा लागू
2 months ago Written By: Ashwani Tiwari
US Immigration Rules 2025: अमेरिका की सीमा सुरक्षा को और सख्त करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की कड़ी इमिग्रेशन नीति के तहत अब सभी गैर-अमेरिकी नागरिकों को देश में प्रवेश करते और निकलते समय अपनी फोटो खिंचवानी होगी। अमेरिकी डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) द्वारा जारी नए नियमों के अनुसार, यह व्यवस्था 26 दिसंबर 2025 से लागू होगी। इस नियम के दायरे में अमेरिका के स्थायी निवासी (ग्रीन कार्ड होल्डर) भी आएंगे। सरकार का दावा है कि इससे राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी और जाली दस्तावेजों के इस्तेमाल पर रोक लगेगी।
अब हर विदेशी की होगी फोटो और बायोमेट्रिक जांच यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) ने बताया कि अब अमेरिका आने-जाने वाले हर गैर-अमेरिकी नागरिक की फोटो और बायोमेट्रिक जानकारी ली जाएगी। यह नियम भूमि, समुद्र और हवाई मार्ग तीनों एंट्री पॉइंट्स पर लागू रहेगा। पहले 14 साल से कम और 79 साल से अधिक उम्र के यात्रियों को इस प्रक्रिया से छूट मिली हुई थी, लेकिन अब यह छूट खत्म कर दी गई है। यानी अब हर उम्र के यात्रियों का बायोमेट्रिक डेटा इकट्ठा किया जाएगा।
फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी होगी अनिवार्य CBP पहले से ही कई अमेरिकी एयरपोर्ट्स पर फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करता है। लेकिन अब यह प्रणाली सभी बॉर्डर पॉइंट्स पर जरूरी कर दी जाएगी। इस तकनीक के ज़रिए पासपोर्ट, ट्रैवल डॉक्यूमेंट और वास्तविक तस्वीरों का मिलान किया जाएगा। DHS का कहना है कि इससे आइडेंटिटी फ्रॉड को रोकने, वीजा ओवरस्टे मामलों पर नज़र रखने और सुरक्षा को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।
वीजा ओवरस्टे पर भी सरकार की नज़र अधिकारियों के मुताबिक, यह कदम वीजा ओवरस्टे की समस्या को कम करेगा। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में अमेरिका में मौजूद लगभग 1.1 करोड़ गैरकानूनी अप्रवासियों में से करीब 42% वीजा ओवरस्टे वाले थे। अमेरिकी कांग्रेस ने 1996 में एक स्वचालित एंट्री-एग्जिट सिस्टम की मांग की थी, लेकिन अब तक इसे पूरी तरह लागू नहीं किया गया था। CBP का लक्ष्य है कि अगले पांच वर्षों में यह नियम देश के हर प्रवेश और निकास बिंदु पर पूरी तरह लागू हो जाए।
डेटा का सुरक्षित डेटाबेस बनेगा CBP प्रत्येक यात्री की एक डिजिटल इमेज प्रोफाइल तैयार करेगा, जिसमें पासपोर्ट, ट्रैवल डॉक्यूमेंट और बॉर्डर पर खींची गई तस्वीरें शामिल होंगी। यह डेटा एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स पर ली गई रियल-टाइम तस्वीरों से मिलान करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। सरकार का कहना है कि यह प्रक्रिया यात्रियों की पहचान को सुरक्षित बनाएगी और किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत ट्रैक करने में मदद करेगी।