दिल्ली में पुतिन की सुपर सिक्योर एंट्री… ड्रोन–स्नाइपर–AI की 5 लेयर से घिरा,
राजघाट से हैदराबाद हाउस तक किलेबंदी
3 days ago Written By: Ashwani Tiwari
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा बेहद अहम मानी जा रही है। गुरुवार, 4 दिसंबर को पुतिन भारत पहुंचे और उनकी यह यात्रा पूरी दुनिया की निगाहों में है। युद्ध शुरू होने के बाद यह पुतिन का पहला भारत दौरा है। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन की कई महत्वपूर्ण मुलाकातें होंगी, जिनमें सुरक्षा, व्यापार, रक्षा और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। भारत और रूस वर्षों से रणनीतिक साझेदार रहे हैं, इसलिए यह दौरा दोनों देशों के रिश्तों को नई दिशा दे सकता है।
मोदी के निवास पर डिनर से शुरू होगी यात्रा गुरुवार शाम पुतिन नई दिल्ली पहुंचे और उनकी यात्रा की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी के निवास पर आयोजित प्राइवेट डिनर से होगी। अगले दिन शुक्रवार को पुतिन राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देंगे। इसके बाद हैदराबाद हाउस में होने वाले 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में दोनों नेता हिस्सा लेंगे। इसके बाद पुतिन भारत मंडपम में आयोजित इंडिया-रशिया बिजनेस फोरम में शामिल होंगे। शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति भवन में उनके सम्मान में राजकीय भोज देंगी। इसके बाद पुतिन वापस रूस रवाना हो जाएंगे।
दिल्ली में सुरक्षा का अभूतपूर्व इंतजाम राष्ट्रपति पुतिन की सुरक्षा के लिए भारत में पांच-लेयर सुरक्षा घेरा तैयार किया गया है। रूसी प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस पहले ही भारत पहुंच चुकी है और वे सुरक्षा की अंदरूनी लेयर संभालेंगी। NSG, दिल्ली पुलिस और अन्य बल बाहरी लेयर में रहेंगे। जब पीएम मोदी पुतिन के साथ होंगे, तब SPG कमांडो भी सुरक्षा का हिस्सा बनेंगे। पूरे रूट को ड्रोन और AI की मदद से मॉनिटर किया जा रहा है। जैमर लगाए गए हैं और स्नाइपर तैनात हैं। जहां भी पुतिन रुकेंगे या जाएंगे, उन सभी जगहों को पहले से सैनिटाइज कर दिया गया है। अचानक जाने योग्य स्थानों की भी सूची तैयार की गई है।
सात वरिष्ठ मंत्री भी आए पुतिन के साथ पुतिन के साथ रूस के सात वरिष्ठ मंत्री भारत पहुंचे हैं, जिनमें डिफेंस, फाइनेंस, एग्रीकल्चर, इकोनॉमिक डेवलपमेंट, हेल्थ, इंटीरियर और ट्रांसपोर्ट मंत्री शामिल हैं। साथ ही रूस के सेंट्रल बैंक की गवर्नर एल्विरा नबीउलीना भी डेलीगेशन का हिस्सा हैं, जिससे यह साफ होता है कि यह यात्रा केवल औपचारिक नहीं, बल्कि बेहद रणनीतिक है।
रक्षा और व्यापार में होंगे बड़े निर्णय दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों की उम्मीद है। इसमें ट्रेड, हेल्थ, एग्रीकल्चर, मीडिया और कल्चरल एक्सचेंज से जुड़े समझौते शामिल हो सकते हैं। द्विपक्षीय व्यापार में असमानता दूर करने और बाहरी दबाव से बचने पर भी चर्चा होगी। रक्षा क्षेत्र में ब्रह्मोस के एडवांस्ड वेरिएंट्स, ब्रह्मोस-NG, लंबी दूरी की मिसाइलों, हाइपरसोनिक प्रोजेक्ट्स और S-400 से जुड़ी योजनाओं पर बात होने की संभावना है। इसके अलावा, UN, SCO, G20 और BRICS में सहयोग मजबूत करने पर भी दोनों नेता चर्चा करेंगे।