संपत्तियों की स्थिति नहीं बदलेगी, नई नियुक्तियां नहीं होंगी, केंद्र 7 दिन में जवाब देगा:
वक्फ संशोधन बिल पर सुनवाई 7 दिन के लिये टली
13 days ago
Written By: NEWS DESK
नई दिल्ली: वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई। इस दौरान सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। साथ ही अदालत ने स्पष्ट निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक वक्फ परिषद और बोर्डों में कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी। कोर्ट ने इस दौरान वक्फ ऐक्ट के खिलाफ दायर करीब 100 अर्जियों को लेकर भी आपत्ति जताई। यहाँ सुप्रीम कोर्ट ने 3 प्रावधानों पर रोक का प्रस्ताव दिया जिसके अनुसार कोर्ट से वक्फ घोषित संपत्ति डी-नोटिफाई नहीं होगी। वह वक्फ बाय यूजर हो या वक्फ बाय डीड।, कलेक्टर वक्फ संपत्ति का सर्वे करेंगे तो उसकी प्रकृति नहीं बदल सकते। कोर्ट को सूचित करेंगे।, वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद के सभी सदस्य मुस्लिम होने चाहिए, सिवाय पदेन सदस्यों के। जिसके बाद सुनवाई 7 दिनों के लिये ताल दी गई है।
याचिकाओं की संख्या पर जताई नाराज़गी
सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले में दाखिल करीब 100 याचिकाओं पर आपत्ति जताई। कोर्ट ने कहा कि एक ही मसले पर इतनी अधिक अर्जियां दाखिल करने की जरूरत नहीं थी। बेंच ने साफ किया कि वह इस मामले में अधिकतम 5 अर्जियों पर ही विचार करेगी। सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा, “इतनी अर्जियां दाखिल करने का क्या औचित्य है? 5 याचिकाओं में ही पूरा मामला साफ हो जाता। 100-120 अर्जियों पर सुनवाई करना संभव नहीं है।”
केंद्र को मिला एक सप्ताह का समय
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया कि उन्हें कुछ दस्तावेजों के साथ प्रारंभिक जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया जाए। कोर्ट ने इस पर सहमति जताते हुए केंद्र सरकार को वक्त दे दिया।
संपत्तियों को न छेड़ने का निर्देश
सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी वक्फ संपत्ति का पंजीकरण 1995 के अधिनियम के तहत हुआ है, तो उन संपत्तियों को नहीं छेड़ा जाएगा। इसके अलावा केंद्र सरकार ने अदालत को आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई तक ‘वक्फ बाय डीड’ और ‘वक्फ बाय यूजर’ को गैर-अधिसूचित नहीं किया जाएगा।
अगली सुनवाई 7 मई को
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 7 मई 2025 तय की है। तब तक केंद्रीय वक्फ परिषद और बोर्डों में नियुक्तियों पर रोक जारी रहेगी।
क्या है वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025?
बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 को अधिसूचित किया है। इसे दोनों सदनों में तीखी बहस के बाद पास किया गया था। जिस दौरान राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े। वहीं लोकसभा में इसके पक्ष में 288 और विरोध में 232 मत मिले। जिसके बाद 5 अप्रैल 2025 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिलते ही यह अधिनियम लागू कर दिया गया। इसी के खिलाफ देशभर में याचिकाएं दाखिल हुईं, जिनकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रहा है।