दुनिया की सबसे छोटी भैंस बुटकी राधा ने रचा इतिहास, गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम,
जानें कितनी है हाईट
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
महाराष्ट्र के सतारा जिले की एक छोटी-सी भैंस आज पूरे देश ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में चर्चा का विषय बन गई है। इस भैंस का नाम है राधा, जिसे स्थानीय लोग प्यार से बुटकी राधा कहते हैं। इसकी खास बात यह है कि यह दुनिया की सबसे छोटी पालतू भैंस है। अपनी अनोखी कद-काठी और आकर्षक रूप के कारण राधा का नाम अब गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है। यह सम्मान न केवल उसके मालिक के लिए बल्कि पूरे महाराष्ट्र और देश के लिए गर्व का क्षण है।
सतारा के छोटे गांव से आई बड़ी खबर राधा महाराष्ट्र के सतारा जिले के मान तालुका के मालवाड़ी गांव की रहने वाली है। उसके मालिक किसान त्रिंबक बोराटे और उनके बेटे अनिकेत बोराटे हैं। राधा का जन्म 19 जून 2022 को हुआ था। जब वह लगभग ढाई साल की हुई, तो उसके मालिकों ने देखा कि उसकी ऊंचाई सामान्य भैंसों की तरह नहीं बढ़ रही है। पहले उन्हें लगा कि यह असामान्य है, लेकिन बाद में उन्होंने इसे उसकी अनोखी विशेषता के रूप में देखा।
कृषि प्रदर्शनियों से शुरू हुई पहचान राधा की प्रसिद्धि तब शुरू हुई जब उसे 21 दिसंबर 2024 को सोलापुर के सिद्धेश्वर कृषि प्रदर्शनी में पहली बार ले जाया गया। वहां लोगों ने उसकी छोटी कद-काठी को देखकर हैरानी जताई और खूब तस्वीरें लीं। इसके बाद राधा को कई अन्य प्रदर्शनियों में भी आमंत्रित किया गया जैसे पुसेगांव स्थित सेवागिरी और कर्नाटक के निपानी में आयोजित मेलों में। अब तक वह 13 से अधिक कृषि प्रदर्शनियों में हिस्सा ले चुकी है और हर जगह आकर्षण का केंद्र बनी रही।
इंडिया बुक से लेकर गिनीज बुक तक का सफर राधा की लोकप्रियता बढ़ती गई और 24 जनवरी 2025 को उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ। इसके बाद अनिकेत बोराटे ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज करवाने की प्रक्रिया शुरू की। दस्तावेज, वीडियो, और विशेषज्ञ निरीक्षण के बाद 20 सितंबर 2025 को राधा को आधिकारिक रूप से दुनिया की सबसे छोटी पालतू भैंस घोषित किया गया।
83.8 सेंटीमीटर ऊंची ‘बुटकी राधा’ बनी आकर्षण का केंद्र राधा की ऊंचाई सिर्फ 83.8 सेंटीमीटर (2 फीट 8 इंच) है। इतनी छोटी भैंस पहले कभी दर्ज नहीं की गई थी। आज बुटकी राधा को देखने के लिए देश-विदेश से लोग सतारा के मालवाड़ी गांव पहुंच रहे हैं। किसान अनिकेत बोराटे को भी इस उपलब्धि के लिए कई जगहों से सम्मान मिल रहा है। राधा ने यह साबित कर दिया है कि बड़े कारनामे करने के लिए कद नहीं, हौसले चाहिए।