दिल्ली यूनिवर्सिटी चुनाव में ABVP का दबदबा…
NSUI को केवल उपाध्यक्ष पद से करना पड़ा संतोष
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ चुनाव 2025 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ा संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) भारी बढ़त बनाते हुए अध्यक्ष समेत तीन पदों पर कब्जा जमाने में सफल रहा। कांग्रेस समर्थित भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) को सिर्फ उपाध्यक्ष पद से ही संतोष करना पड़ा। इस नतीजे ने जहां एबीवीपी खेमे में उत्साह भरा है, वहीं एनएसयूआई को पिछले चुनाव की तुलना में करारा नुकसान झेलना पड़ा।
ABVP की बड़ी जीत इस चुनाव में ABVP नें 3 पदों पर जीत हांसिल की। वहीं अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के उम्मीदवार आर्यन मान ने 28,841 वोट हासिल कर जीत दर्ज की। सचिव पद पर कुणाल चौधरी ने 23,779 वोट पाकर बाजी मारी, जबकि संयुक्त सचिव पद पर दीपिका झा 21,825 वोटों के साथ विजयी रहीं। उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी के गोविंद तंवर को हार का सामना करना पड़ा, हालांकि वे शुरुआत से ही कड़ी टक्कर दे रहे थे।
NSUI की स्थिति एनएसयूआई के खाते में केवल उपाध्यक्ष पद आया, जहां राहुल यादव झांसल को 29,339 वोट मिले। दिलचस्प यह रहा कि इस बार के चुनाव में सबसे ज्यादा वोट राहुल झांसल को ही मिले, लेकिन अध्यक्ष पद पर जोस्लिन नंदिता चौधरी को सिर्फ 12,645 वोट ही मिले। सचिव पद पर कबीर को 16,177 और संयुक्त सचिव पद पर लवकुश भड़ाना को 17,380 वोट मिले, जो जीत के लिए पर्याप्त नहीं रहे।
SFI-आइसा गठबंधन का प्रदर्शन एसएफआई और आइसा के गठबंधन को इस चुनाव में बड़ी सफलता नहीं मिली। अध्यक्ष पद पर इनके उम्मीदवार को महज 5,385 वोट मिले। उपाध्यक्ष पर 4,163, सचिव पर 9,535 और संयुक्त सचिव पर 8,425 वोट मिले। वहीं, एनएसयूआई के बागी निर्दलीय उम्मीदवार को 5,522 वोट हासिल हुए। वहीं पिछले साल यानी 2024 के चुनावों में एनएसयूआई ने अध्यक्ष और संयुक्त सचिव पद पर जीत दर्ज की थी। उस वक्त रौनक खत्री अध्यक्ष और लोकेश चौधरी संयुक्त सचिव बने थे। वहीं, एबीवीपी ने उपाध्यक्ष और सचिव पद अपने नाम किए थे। इस बार समीकरण पूरी तरह उलट गए और एबीवीपी ने तीन पदों पर कब्जा कर लिया।
विजेताओं की प्रतिक्रियाएं वहीं संयुक्त सचिव पद पर जीतने वाली एबीवीपी की दीपिका झा ने कहा, "मैं बिहार से यहां पढ़ने आई थी और लगातार मेहनत की। दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने मेरे संघर्ष को समझा और मुझे 4,000 वोटों के अंतर से जिताया। इसके लिए मैं सभी का धन्यवाद करती हूं।" वहीं, एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा,"यह चुनाव सिर्फ एबीवीपी से ही नहीं, बल्कि डीयू प्रशासन, दिल्ली सरकार, केंद्र सरकार, आरएसएस-बीजेपी और दिल्ली पुलिस की ताकत के खिलाफ भी लड़ा गया। हजारों छात्रों ने हमारे साथ मजबूती से खड़े होकर समर्थन किया। हालांकि, एबीवीपी ने ईवीएम में गड़बड़ी और चुनाव टीम के प्रोफेसरों की मदद से चुनाव चोरी करने की कोशिश भी की। इसके बावजूद एनएसयूआई संघर्ष जारी रखेगी।"