बिहार चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ा झटका,
चार बार के विधायक ने छोड़ी पार्टी
23 days ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
बिहार की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को एक और बड़ा झटका लगा है। अररिया जिले के वरिष्ठ नेता और चार बार के विधायक रहे जनार्दन यादव ने भाजपा का साथ छोड़कर प्रशांत किशोर के नेतृत्व वाले जन सुराज अभियान का दामन थाम लिया है। गुरुवार को प्रशांत किशोर ने उन्हें औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता दिलाई।
जेपी आंदोलन से शुरू हुआ राजनीतिक सफर जनार्दन यादव का राजनीतिक जीवन जेपी आंदोलन से शुरू हुआ था। छात्र राजनीति के दौर से ही उन्होंने सक्रियता दिखानी शुरू की और समय के साथ भाजपा के अहम नेताओं में शुमार हो गए। अररिया जिला राजनीति में उनकी पकड़ लगातार मजबूत रही। चार बार विधायक बनने का गौरव हासिल करने वाले यादव को भाजपा का "पुराना सिपहसलार" माना जाता था।
2015 के बाद उपेक्षा का आरोप बताया जा रहा है कि, 2015 विधानसभा चुनाव में हार के बाद से ही यादव पार्टी में उपेक्षित महसूस करने लगे थे। उनका आरोप रहा कि भाजपा नेतृत्व ने उन्हें लगातार साइडलाइन किया। संगठन में सक्रिय भूमिका की इच्छा जताने के बावजूद उन्हें अवसर नहीं दिए गए। लंबे अनुभव और मजबूत जनाधार के बावजूद खुद को हाशिए पर पाकर उनका पार्टी से मोहभंग बढ़ता गया।
जन सुराज से नई उम्मीदें जन सुराज अभियान से जुड़ते समय यादव ने कहा कि वे प्रशांत किशोर की सोच और दृष्टिकोण से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि जन सुराज बिहार की राजनीति को नई दिशा देने का प्रयास कर रहा है और वे इस यात्रा का हिस्सा बनकर प्रदेश के विकास में योगदान देना चाहते हैं। प्रशांत किशोर ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि अनुभवी नेताओं के जुड़ने से जन सुराज आंदोलन और सशक्त होगा।
भाजपा के लिए बड़ा नुकसान जनार्दन यादव का भाजपा छोड़ना पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। अररिया और सीमांचल क्षेत्र में उनकी गहरी पकड़ रही है। यादव समुदाय में उनकी मजबूत छवि और स्थानीय राजनीति पर असर से जन सुराज को इस इलाके में मजबूती मिल सकती है। वहीं भाजपा को संगठनात्मक स्तर पर कमजोर पड़ने का खतरा है।