भगत से सिंह से कर डाली अखिलेश यादव की तुलना…
अफजाल अंसारी के बयान से मचा बवाल…
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
गाजीपुर से सांसद और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अफजाल अंसारी ने दिल्ली में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कथित वोट चोरी के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान अखिलेश यादव की भूमिका की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि बैरिकेडिंग फांदकर प्रदर्शन करने का अखिलेश यादव का साहस उन्हें स्वतंत्रता संग्राम के अमर शहीद भगत सिंह की याद दिलाता है।
“अखिलेश ने दिया भगत सिंह जैसा संदेश”
अफजाल अंसारी के मुताबिक, “अंग्रेजों के संसद भवन में भगत सिंह ने बम किसी को मारने के लिए नहीं, बल्कि ‘इंकलाब जिंदाबाद’ का संदेश देने के लिए फेंका था। वही संदेश अखिलेश यादव ने भी दिया है कि, बेईमानों के खिलाफ खड़े हो जाओ, वोट काटने वालों और चोरी करने वालों के खिलाफ आवाज बुलंद करो।”
भाजपा सरकार पर मतदाता सूची में हेरफेर का आरोप
राहुल गांधी द्वारा लगाए गए वोट चोरी के आरोपों का समर्थन करते हुए अफजाल अंसारी ने कहा कि यह प्रथा पहले भी थी, लेकिन 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी और 2017 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के सत्ता में आने के बाद इसमें खुलेआम बढ़ोतरी हुई। उन्होंने दावा किया कि जो भी भाजपा के पक्ष में वोट नहीं करता, उसका नाम निर्वाचन सूची से काटा जाता रहा है।
अफजाल अंसारी ने इसे ‘चोरी नहीं, बल्कि डकैती’ करार देते हुए आरोप लगाया कि निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया में प्रधानमंत्री और उनकी मंत्रिपरिषद का सदस्य शामिल होता है, जिससे आयोग की निष्पक्षता प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि बिहार में 8 करोड़ मतदाताओं के वोट की समीक्षा योजनाबद्ध तरीके से की गई और 65 लाख नाम काट दिए गए, जबकि महाराष्ट्र में 60 लाख नए मतदाता जोड़े गए।
चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल
सपा सांसद ने याद दिलाया कि अखिलेश यादव ने पहले भी इस मामले को उठाया था, लेकिन चुनाव आयोग ने इसे निराधार बताते हुए सबूत मांगे थे। उस समय 18,000 हलफनामे दिए गए, फिर भी आयोग ने कोई कार्रवाई नहीं की। अफजाल अंसारी के मुताबिक, “जब कोई पापी सवाल छुपा लेता है, तो उसका हौसला बढ़ जाता है और वह बार-बार पाप करता है। यही हाल चुनाव आयोग का है।”
पार्टी अनुशासन और निष्कासन पर टिप्पणी
समाजवादी पार्टी को ‘दरियादिल पार्टी’ बताते हुए अफजाल अंसारी ने कहा कि पार्टी ने पहले भी अपने प्रतीक चिन्ह से जीते कुछ विधायकों के भाजपा के पक्ष में वोट देने पर तत्काल कार्रवाई नहीं की थी। हालांकि, वर्षों बाद ऐसे नेताओं को निष्कासित किया गया। विधायक पूजा पाल के निष्कासन पर उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है, लेकिन नेतृत्व का निर्णय उचित है।
क्या है अब्बास अंसारी का मामला ?
अफजाल अंसारी ने कहा कि अब्बास अंसारी ने सरकार के मुखिया के खिलाफ भारी बहुमत से चुनाव जीता, जो सरकार को नागवार गुजरा। उन पर भड़काऊ भाषण का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज किया गया और जेल भेजा गया। उन्होंने भरोसा जताया कि न्यायपालिका से निष्पक्ष फैसला मिलेगा, क्योंकि उच्च न्यायालय में सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला कुछ दिनों में आ सकता है।