जिसे बांग्लादेश पसंद है, वहीं चला जाए, दंगाइयों का इलाज केवल डंडा
- बंगाल हिंसा पर गरजे CM योगी
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
लखनऊ: बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन कानून को लेकर हो रही हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर बड़ा बयान दिया है। यहां सीएम योगी ने मंगलवार को कहा, "लातों के भूत बातों से नहीं मानेंगे। दंगाई डंडे से ही मानेंगे। जिसे बांग्लादेश पसंद है, वह बांग्लादेश चला जाए।" वहीं उन्होंने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दंगाइयों को खुली छूट देने तथा उन्हें 'शांतिदूत' कहने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कोर्ट को अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों के लिए धन्यवाद भी दिया है।
दंगाइयों का इलाज केवल डंडा
दरअसल, मुख्यमंत्री मंगलवार को हरदोई के माधोगंज स्थित रुइया गढ़ी में आयोजित स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजा नरपत सिंह के विजय दिवस समारोह में भाग लेने पहुंचे थे। जहां उन्होंने 650 करोड़ रुपये की 729 परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। इस दौरान मुर्शिदाबाद में हो रही हिंसा की घटनाओं को लेकर विपक्ष पर करारा प्रहार किया। सीएम ने कहा कि पहले रोजगार का अभाव था, अव्यवस्था थी। हमने योजनाओं को आगे बढ़ाया है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। पहले लोगों को पलायन करना पड़ता था, लेकिन अब तस्वीर बदल चुकी है। 2017 से पहले उत्तर प्रदेश में हर दूसरे-तीसरे दिन दंगे होते थे। "इन दंगाइयों का इलाज केवल डंडा है, बिना डंडे के वे मानेंगे नहीं।"
जिन्हें बांग्लादेश पसंद है, वे धरती पर बोझ
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "मुर्शिदाबाद को लेकर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और टीएमसी सब मौन हैं। वे धमकी पर धमकी दे रहे हैं और बांग्लादेश में जो हुआ, उसका समर्थन कर रहे हैं। अगर उन्हें बांग्लादेश अच्छा लगता है, तो वहीं चले जाएं। ऐसे लोग भारत की धरती पर बोझ बन चुके हैं।" उन्होंने आगे कहा, "बंगाल जल रहा है, लेकिन वहां की मुख्यमंत्री के साथ-साथ सपा और कांग्रेस भी चुप हैं। ममता बनर्जी दंगाइयों को 'शांतिदूत' कहती हैं और सेक्युलरिज्म के नाम पर उन्हें खुली छूट दे दी है। इस तरह की अराजकता पर लगाम लगनी चाहिए। वहां की कोर्ट को धन्यवाद दूंगा, जिसने अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाया है।"
गुर्गे खाली हो जाएंगे, इसलिए विपक्ष परेशान
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, "इन लोगों (विपक्ष) को इसलिए परेशानी हो रही है क्योंकि अब उनके गुर्गों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। वो गुर्गे, जो पहले जनता को लूटते थे। जो भस्मासुर पाल रखे थे, अब उन्हें डर है कि कहीं वही इन्हें न डसने लगें। जो अकूत संपत्ति इकट्ठा की गई थी, उस पर डकैती न पड़ जाए। इसलिए ये वक्फ के नाम पर जनता को गुमराह कर रहे हैं, आंखों में धूल झोंक रहे हैं।" लेकिन गुमराह होने की जरूरत नहीं है।हमें संविधान और बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के आदर्शों पर विश्वास रखना है और विकास की प्रक्रिया से जुड़ना है।
वक्फ की जमीनों पर गरीबों के मकान
उन्होंने आगे कहा, "वक्फ की जमीनें वापस ली जाएंगी। इन पर अस्पताल बनेंगे, गरीबों के लिए मकान बनेंगे, ऊंची इमारतें बनेंगी। यहां स्कूल, विश्वविद्यालय बनेंगे और निवेश के लिए लैंड बैंक तैयार होगा।" लेकिन किसी को जमीन पर कब्जा कर गुंडागर्दी करने की छूट नहीं मिलेगी। लोग इसी वजह से परेशान हैं, क्योंकि जमीन के नाम पर जो लूट मची थी, अब वह रुकने वाली है।