कांग्रेस के कई युवा नेता बेहद प्रतिभाशाली, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं मिलता…
स्पीकर की चाय पार्टी में बोले मोदी…
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
संसद का मॉनसून सत्र गुरुवार को खत्म हो गया, लेकिन जाते-जाते भी राजनीति में गरमी कम नहीं हुई। अलग-अलग मुद्दों पर लगातार हुए विपक्षी हंगामे के बीच लोकसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। कार्यवाही खत्म होने के बाद लोकसभा स्पीकर ने पारंपरिक चाय मीटिंग रखी, लेकिन इसमें विपक्ष का कोई भी नेता शामिल नहीं हुआ। राहुल गांधी, जो लोकसभा में विपक्ष के नेता हैं, वह भी इस चाय पार्टी से नदारद रहे। वहीं, इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा और कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति पर भी टिप्पणी की।
पीएम मोदी ने साधा कांग्रेस पर निशाना
चाय मीटिंग के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस के कई युवा नेता बेहद प्रतिभाशाली हैं, लेकिन उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया जाता। पीएम ने राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष रूप से तंज कसते हुए कहा कि, "कांग्रेस में कई योग्य युवा नेता हैं, लेकिन राहुल गांधी उनसे घबराए हुए हैं।" सूत्रों के मुताबिक, पीएम मोदी ने यह भी कहा कि कांग्रेस नेतृत्व द्वारा युवा नेताओं को लगातार दरकिनार किया जा रहा है। उनका कहना था कि अगर इन नेताओं को खुलकर बोलने का अवसर मिले, तो वे पार्टी के भीतर नई ऊर्जा और विचार ला सकते हैं।
विपक्ष की गैरमौजूदगी पर उठे सवाल
स्पीकर की चाय पार्टी आमतौर पर सत्र के समापन पर एक औपचारिक परंपरा के रूप में आयोजित की जाती है, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक साथ बैठकर चर्चा करते हैं। लेकिन इस बार विपक्ष की गैरमौजूदगी चर्चा का विषय बन गई। राहुल गांधी सहित विपक्षी दलों के किसी भी वरिष्ठ नेता का इस मीटिंग में न पहुंचना राजनीतिक गलियारों में सवाल खड़े कर रहा है। भाजपा नेताओं का कहना है कि विपक्ष ने संवाद से ज्यादा टकराव का रास्ता चुना, जबकि कांग्रेस सूत्रों का मानना है कि इस मीटिंग का कोई औचित्य नहीं था, क्योंकि सरकार ने उनकी आवाज संसद में नहीं सुनी।
"सत्र फलदायी रहा" — पीएम मोदी
बैठक में पीएम मोदी ने मानसून सत्र को "फलदायी" बताया। उन्होंने कहा कि इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए, जिनमें ऑनलाइन गेमिंग पर लाया गया नया विधेयक भी शामिल है। पीएम के मुताबिक, यह कानून "दूरगामी प्रभाव" डालने वाला सुधार है, जिसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा। प्रधानमंत्री ने विपक्ष की रणनीति पर भी टिप्पणी की और कहा कि, "जब महत्वपूर्ण विधेयकों पर बहस की जरूरत थी, विपक्ष के नेता बहस में शामिल होने के बजाय व्यवधान पैदा करने में लगे रहे।"