जातिगत विवाद में घिरे राज्यमंत्री, लोगो ने कहा रामायण नहीं अशोक पर बोलो,
मंच छोड़ा
17 days ago
Written By: State Desk
लखनऊ: झांसी में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री हरगोविंद कुशवाहा जतिगत विवाद में फस गए। यहाँ रामायण की एक चौपाई से अपना भाषण शुरू कने पार उन उन्हें को रामायण पर बोलने से रोक दिया गया। यहाँ एक यूवक ने हमें रामायण से कोई मतलब नहीं बोलते हुए उनसे सम्राट अशोक पर बोलने की मांग की जिसके बाद लोगों ने सम्राट अशोक कने भी लगाए। जिससे नाराज होकर हरगोविंद कुशवाहा मंच छोड़कर चले गए। जिसका एक विडियो अब सोसल मीडिया में वायरल हो रहा है।
समझिये क्या था पूरा वाकया…
दरअसल यह वाकया 5 अप्रैल का बताया जा रहा है। जहाँ झांसी के बंगरा ब्लॉक के मगरवारा गांव में मंत्री हरगोविंद कुशवाहा सम्राट अशोक जन्मोत्सव कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप में पहुचे थे और वो अपने भाषण की शुरुवात रामायण की एक चौपाई से शुरू कर रहे थे। सामने आये विडियो के अनुसार जैसे ही चौपाई पढ़ना शुरू करते हैं, तभी एक युवक बोलता है- मंत्रीजी सम्राट अशोक पर बोलिए। आज रामायण का कुछ काम नहीं है। हरगोविंद कुशवाहा कहते हैं- मुझे क्या बोलना है, आपसे पूछकर नहीं बोलेंगे।
युवक ने कहा रामायण पर बोलकर टाइम खा रहे
युवक कहता है- आप टाइम खा (बर्बाद) रहे हैं। राज्यमंत्री बोले- तो मैं बोलना बंद कर देता हूं और माइक बंद करके पीछे देने लगते हैं। लोग कहते हैं कि नहीं बोलिए आप। युवक फिर कहता है- सम्राट अशोक पर बोलिए, लोगों को जानकारी हो। राज्यमंत्री के पूछने पर युवक अपना नाम प्रेम कुशवाहा बताता है। वो फिर कहता है- आज रामायण का कुछ नहीं है। दशरथजी से हमें कुछ मतलब नहीं है। राज्यमंत्री कहते हैं- अरे हम लवकुश की संतान हैं तो रामायण पर जाएंगे। युवक कहता है कि लवकुश की नहीं हैं, सम्राट अशोक की हैं। राज्यमंत्री कहते हैं सम्राट अशोक बहुत बाद में आए। तब युवक कहता है नहीं आए बाद में। फिर लोग सम्राट अशोक के जयकारे लगाने लगते हैं। इसके बाद राज्यमंत्री कहते हैं कि हम एक उदाहरण दे रहे थे, अब बोल ही नहीं रहे। फिर जय हिंद जय भारत कहकर वो माइक रखकर मंच से उतरकर कार्यक्रम छोड़कर चले गए।
चौधरी चरण सिंह से प्रभावित हैं मंत्री…
दरअसल हरगोविंद कुशवाहा ने 1969 में चौधरी चरण सिंह से प्रभावित होकर राजनीति में आए। समाजवादी पार्टी के बड़े नेता रहे। वे पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी थे। झांसी लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। कुछ साल पहले झांसी से सटे मध्य प्रदेश से विधानसभा चुनाव लड़ा। हारने के बाद कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया था। शरीर पर कई फ्रैक्चर हो गए थे। काफी दिन तक बसपा में रहे और फिर भाजपा में आ गए। कद्दावर नेता के साथ साथ वे बुंदेलखंड की लोक संस्कृति के भी जानकार हैं।