PM मोदी ने किया लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी को नमन,
कहा- उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र का सपना होगा साकार
23 days ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार, 2 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि भारत उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र का सपना साकार करेगा।
राजघाट पर महात्मा गांधी को नमन प्रधानमंत्री मोदी सुबह राजघाट पहुंचे और महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि गांधी जयंती पर हम अपने प्यारे बापू के असाधारण जीवन को याद करते हैं, जिनके आदर्शों ने मानव इतिहास को बदल दिया। पीएम मोदी ने कहा कि गांधीजी ने दिखाया कि साहस और सादगी समाज में बड़े बदलाव का जरिया बन सकते हैं। सेवा और करुणा की शक्ति पर उनका विश्वास ही लोगों को सशक्त बनाने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका था। उन्होंने यह भी जोड़ा कि विकसित भारत के निर्माण की दिशा में हम बापू के बताए मार्ग पर ही आगे बढ़ते रहेंगे।
शास्त्री जी की विरासत को किया याद महात्मा गांधी के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी नमन किया। उन्होंने एक्स पर लिखे संदेश में कहा कि लाल बहादुर शास्त्री एक महान राजनेता थे, जिनकी ईमानदारी, विनम्रता और दृढ़ संकल्प ने भारत को मजबूत बनाया। चुनौतीपूर्ण समय में उनका नेतृत्व और निर्णायक कार्यवाही हमेशा प्रेरणादायी रही। पीएम मोदी ने शास्त्री जी के नारे "जय जवान, जय किसान" को आज भी प्रासंगिक बताते हुए कहा कि यह देशवासियों में देशभक्ति की भावना जगाता है और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के हमारे प्रयासों को प्रेरित करता है। दरअसल लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। वे 1964 में जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने। अपने कार्यकाल में उन्होंने सादगी, नैतिकता और राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा।
अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस का महत्व गौरतलब हो कि, हर साल 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के साथ-साथ दुनिया भर में अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। यह दिन महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा और सामाजिक न्याय के प्रति उनके आजीवन समर्पण को याद करने का अवसर है। उनकी विचारधारा शांति और नैतिक जीवन का प्रतीक मानी जाती है।