जगदीप धनखड़ की चुप्पी पर उठने लगे सवाल,
उपराष्ट्रपति चुनाव से पहले राजनीति में बढ़ी गर्मी
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
देश की राजनीति में इस समय एक बड़ा सवाल गूंज रहा है – “जगदीप धनखड़ कहां हैं?” मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव से ठीक पहले, पूर्व उपराष्ट्रपति के अचानक इस्तीफे और उनकी अब तक की चुप्पी ने राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर सीधा निशाना साधा है और कहा है कि देश आज भी धनखड़ के “ऐतिहासिक इस्तीफे” के पीछे की वजह जानने का इंतजार कर रहा है।
कांग्रेस का सवाल: चुप क्यों हैं धनखड़?
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा कि पिछले 50 दिनों से जगदीप धनखड़ ने असामान्य चुप्पी साध रखी है। जब उनके उत्तराधिकारी के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो रही है, तब भी देश उनके बयान का इंतजार कर रहा है। वेणुगोपाल ने याद दिलाया कि उपराष्ट्रपति रहते हुए धनखड़ ने कई संवेदनशील मुद्दों पर मुखर होकर अपनी राय रखी थी, जैसे किसानों की उपेक्षा, सत्ता में बैठे लोगों के अहंकार से पैदा होने वाले खतरे और आम जनता की समस्याएं। लेकिन अचानक इस्तीफा देने के बाद से उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोला, जो रहस्य को और गहरा कर रहा है।
“जगदीप धनखड़ साहब कहां हैं?”
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा, “जगदीप धनखड़ साहब कहां हैं? किसी को मालूम नहीं है। उनका कोई बयान नहीं आया। वे सार्वजनिक रूप से दिखाई भी नहीं दिए। जो पर्दा डाला गया, वह बहुत चौंकाने वाला है।” पायलट ने कहा कि उपराष्ट्रपति रहते हुए धनखड़ हमेशा खुलकर अपनी बात रखते थे। हर संवेदनशील मुद्दे पर वह मुखर रहे, लेकिन अचानक उनकी चुप्पी और सार्वजनिक जीवन से दूरी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पायलट ने यह भी जोड़ा कि अब तक जो भी जानकारी सामने आई है, उससे ऐसा नहीं लगता कि उनके इस्तीफे के पीछे किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण था।
उपराष्ट्रपति चुनाव और इंडिया गठबंधन की उम्मीदें
सचिन पायलट ने विश्वास जताया कि मंगलवार को होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में इंडिया गठबंधन को अच्छा समर्थन मिलेगा। उनका कहना है कि मौजूदा हालात में विपक्ष का उम्मीदवार मज़बूत स्थिति में है और गठबंधन की जीत की संभावना अधिक है। इस बीच, सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही खेमों में जगदीप धनखड़ की चुप्पी और उनके अचानक इस्तीफे की वजह को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। एक ओर केंद्र सरकार ने अब तक इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट टिप्पणी नहीं की, वहीं कांग्रेस इसे “सत्ता के दबाव” से जोड़कर सवाल खड़े कर रही है।