बिहार में 19 प्रतिशत मुसलमान हैं...
सीमांचल की जनसभा में ये क्या बोल गए ओवैसी
23 days ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सीमांचल के एक जनसभा को संबोधित करते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने लोगों से शांतिपूर्ण, संगठित और जागरूक तरीके से अपने हक के लिए खड़े होने की अपील की।
सीमांचल के लोगों को बाहरी बताना गलत – ओवैसी ओवैसी ने कहा कि सीमांचल का नाम लेकर कुछ लोग समुदायों को अलग-थलग करने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि यहां की हर मां, बच्चा और बुजुर्ग भारत का ही नागरिक है। उन्होंने केंद्र की नीतियों और हालिया कानूनों का विरोध करते हुए इन्हें समुदायों की संपत्ति और धार्मिक संस्थानों के लिए खतरा बताया। साथ ही उन्होंने स्थानीय समस्याओं की ओर ध्यान दिलाया कि, बिजली, अस्पताल, पुल और बुनियादी सुविधाओं की कमी पर सवाल उठाए।
सियासी नेतृत्व की ज़रूरत पर जोर अपने भाषण में ओवैसी ने कहा कि बिहार में 19 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है और भारत की सबसे बड़ी अल्पसंख्यक होने के बावजूद उन्हें बराबरी का हक नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि अगर इंसाफ और अधिकार चाहिए तो मुसलमानों को अपनी राजनीतिक लीडरशिप तैयार करनी होगी। उन्होंने रोजगार, हुकूमत की मुलाजिमतों और प्रशासन में हिस्सेदारी को लेकर भी आवाज़ उठाई।
बदलाव का रास्ता संगठित वोटिंग से ओवैसी ने लोगों से अपील की कि केवल नारों तक सीमित न रहें, बल्कि मतदान के दिन सही उम्मीदवार को वोट देकर असली बदलाव लाएं। उन्होंने खासकर नौजवानों को सक्रिय होने और राजनीतिक नेतृत्व बनाने की नसीहत दी। भ्रष्टाचार और अफसरशाही की अनियमितताओं का जिक्र करते हुए उन्होंने पारदर्शिता की मांग की।
पतंग छाप पर वोट देने की अपील जनसभा में ओवैसी ने मजलिस के चुनाव चिन्ह ‘पतंग’ पर वोट देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि संगठित वोटिंग से ही सीमांचल की आवाज़ मजबूत होगी और क्षेत्र को शहरों जैसी सुविधाएं मिल पाएंगी।
शांतिपूर्ण संघर्ष का भरोसा ओवैसी ने अपने भाषण के अंत में जनता को आश्वासन दिया कि अगर वे संगठित रहेंगे तो उन्हें समान अधिकार और सुविधाएं दिलाने में मजलिस पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने लोगों से संयम और शांति बनाए रखते हुए अपने हक की लड़ाई लड़ने की अपील की और समर्थकों का धन्यवाद किया।