पैगंबर की शिक्षा के खिलाफ है मुहब्बत के इजहार का ये तरीका...
बरेली हिंसा पर मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी का बड़ा बयान
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ के पोस्टरों को लेकर शुक्रवार को हुई बड़ी झड़पों और पथराव के बाद आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने लोगों से शांति बनाए रखने की विनती की है। जुमे की नमाज़ के बाद भड़की हिंसा और उसके परिणामस्वरूप फैलते माहौल को लेकर मौलाना ने साफ कहा कि पैग़ंबर इस्लाम के प्रति मोहब्बत का जिस तरह प्रदर्शन किया जा रहा है, वह उनकी शिक्षाओं के खिलाफ है।
पैग़म्बर की राह पर चलने की अपील मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने अपने बयान में दोहराया कि पैग़म्बर हमेशा विवाद की स्थिति में भी समझौता और मेलमिलाप का मार्ग अपनाते थे। उनका कहना था कि प्रेम का असली इजहार उन्हीं के बताए रास्ते पर चलकर किया जा सकता है, न कि सड़क पर हो हल्ला करके और टकराव खड़ा करके। मौलाना ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पैग़म्बर के नाम पर शोरगुल, हुडदंग और आग-हंगामा करना उनके उपदेशों के ठीक उलट है। उन्होंने समुदाय से अपील की कि शांति बनाए रखें और किसी भी प्रकार की कानून हत्या या उपद्रव की प्रवृत्ति न अपनाएँ।
राज्य की सख्ती और मुख्यमंत्री का सन्देश बरेली की घटनाओं के बाद प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया भी कड़ी रही। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया कि त्योहारों के मौके पर अशांति फैलाने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दशहरा बुराई और आतंक के दहन का पर्व है और उपद्रवियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाए कि वे दोबारा कभी ऐसी हरकत की सोच भी न सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि आयोजकों और मास्टरमाइंड की पहचान कर उनके खिलाफ तत्काल FIR दर्ज की जाए और उनकी संपत्ति समेत सभी पहलुओं की जांच की जाए।
व्यापक जांच और सोशल मीडिया मॉनिटरिंग का निर्देश मुख्यमंत्री ने घटनाओं को सुनियोजित साजिश करार देते हुए कहा कि कानपुर, वाराणसी, मुरादाबाद, बदायूं, महराजगंज, उन्नाव, संभल, आगरा और बरेली जैसे जिलों में हाल में हुई भड़काऊ गतिविधियाँ प्रदेश का माहौल बिगाड़ने का हिस्सा मानी जाएंगी। उन्होंने अधिकारियों को वीडियो फुटेज खंगालने, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग की प्रक्रिया तेज करने और हर एक उपद्रवी के खिलाफ कड़ा कार्यवाही करने के निर्देश दिये। सरकार का इरादा साफ है, कानून-व्यवस्था को कायम रखने के लिए किसी भी तरह की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
स्थानीय अपील और आगे की चुनौतियाँ मौलाना शहाबुद्दीन रजवी की शांति की अपील ऐसे समय में आई है जब स्थानीय इलाके में क्रोध और आक्रोश की भावना तेजी से उभर रही है। उनके संबोधन में यह भी निहित था कि धार्मिक भावनाओं के शांतिपूर्ण और परंपरागत तरीके से इज़हार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। बाकी, प्रशासन की कड़ी कार्रवाइयों और सामाजिक नेताओं की अपीलों के बीच यह देखना होगा कि आक्रोश और भय के इस दौर में ठंडा दिमाग और समझौता किस तरह से माहौल को नियंत्रित कर पाते हैं।