जिन्हें योगी बाबा से दिक्कत हो वो आए हवेली पे,
राजनेताओं पर बोले बागेश्वर सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री काशी पहुंचे। जहां सबसे पहले उन्होंने मणिकर्णिका घाट पर अपने दादा गुरुजी के शवदाह स्थल पर श्रद्धांजलि दी और पास ही स्थित सतुआ बाबा आश्रम में रातभर ध्यान लगाया। भोर होते ही गंगा स्नान कर बाबा विश्वनाथ के दर्शन किए। यह वार्षिक परंपरा उनके जीवन का हिस्सा बन चुकी है, जहां वे हर साल एक रात्रि भगवान विश्वनाथ की शरण में बिताते हैं। काशी प्रवास के दौरान पत्रकारों से बातचीत में धीरेंद्र शास्त्री ने धर्म, राजनीति और समाज से जुड़े कई अहम सवालों पर खुलकर जवाब दिए।
भगवा और राजनीति पर बेबाक राय शास्त्री ने कहा कि जब इस देश में चोर, उचक्के और मर्डरर राजनेता हो सकते हैं, तो भगवाधारी क्यों नहीं हो सकते। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का समर्थन करते हुए कहा, “योगी बाबा भगवाधारी हैं और बहुत अच्छे हैं। जिसे दिक्कत है, वह मेरी हवेली पर आ जाए।”
चमत्कार के सवाल पर अपने चमत्कारों पर उठ रहे सवालों पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी उड़ाने-दौड़ाने का दावा नहीं किया। वे केवल भविष्य सुधारने और धर्मांतरण रोकने की बात करते हैं। उनके अनुसार, मनुष्य तन पाना ही सबसे बड़ा चमत्कार है और अगर हनुमान भक्ति से हिंदुओं का धर्मांतरण रुक रहा है तो इसे घर-घर तक पहुंचना चाहिए।
संतों की एकता और प्रेमानंद विवाद वहीं जगद्गुरु रामभद्राचार्य और प्रेमानंद महाराज के बीच हालिया विवाद पर उन्होंने कहा कि काशी में प्रेमानंद जी के शिष्यों के साथ बैठकर चर्चा की है और कोई वैमनस्यता नहीं है। “सभी संत एक हैं और सभी सनातनी एक हैं। जो आज ताली पीट रहे हैं, उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।”
भाजपा से जुड़ाव पर सफाई शास्त्री ने साफ कहा कि वे किसी राजनीतिक दल से जुड़े नहीं हैं। “हम तो युगांडा और लंदन तक कथा कहने गए, वहां तो भाजपा नहीं है। गुरु किसी पार्टी का नहीं, सभी का होता है। हम केवल सनातन और मानवता की बात करते हैं।”
प्रधानमंत्री और योगी की प्रशंसा उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सनातनी परंपरा को गति देने वाला बताया। चाहे काशी कॉरिडोर हो या ब्रजधाम की व्यवस्थाएं, शास्त्री के अनुसार यह हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रधानमंत्री सौभाग्य की बात है, जो खेल, रेल, धर्म और समाज- सबको साथ लेकर चलता है।
हिंदू राष्ट्र की परिकल्पना धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि हिंदू राष्ट्र का मतलब केवल मंदिर निर्माण नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता और विघटन को शून्य करना है। “हम इस देश में हिंदू-मुसलमान की लड़ाई नहीं चाहते, बल्कि गाय माता को राष्ट्र माता देखना चाहते हैं।”
नेपाल और बांग्लादेश पर चिंता उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति बेहद खराब है और विरोधी ताकतें लगातार सक्रिय हैं। नेपाल के संदर्भ में उन्होंने दोहराया कि वहां फिर से हिंदू राष्ट्र की स्थापना होनी चाहिए।
‘सनातन हिंदू एकता’ पदयात्रा का ऐलान दरअसल ये काशी प्रवास का एक अहम मकसद उनकी आगामी ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ है। यह पदयात्रा 7 नवंबर को दिल्ली से शुरू होकर 16 नवंबर को वृंदावन पहुंचेगी। करीब 170 किमी की यह यात्रा 10 दिन में पूरी होगी। शास्त्री ने काशीवासियों से इस यात्रा के समर्थन और सहयोग की अपील भी की है।