इंस्पेक्टर के लिये आमने-सामने आए भाजपा के ही दो विधायक,
यूपी में छिड़ा सियासी संग्राम
1 months ago Written By: आदित्य कुमार वर्मा
झांसी की राजनीति इन दिनों एक इंस्पेक्टर के नाम पर गरमाई हुई है। सीपरी बाजार थाने के पूर्व प्रभारी आनंद सिंह पर शुरू हुआ विवाद ऐसा तूल पकड़ चुका है कि बीजेपी के ही दो विधायक आमने-सामने खड़े हो गए हैं। एक विधायक जहां उन्हें बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरा विधायक उनके पक्ष में खुलकर तारीफों के पुल बांध रहा है। नतीजा यह है कि यहां अब पुलिस की कार्यप्रणाली से ज्यादा अब नेताओं की चिट्ठियों और आरोप-प्रत्यारोप पर चर्चा हो रही है।
बबीना विधायक की शिकायत से शुरू हुआ मामला दरअसल 1 सितंबर को प्रभारी मंत्री बेबी रानी मौर्य झांसी दौरे पर थीं। इसी दौरान बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा ने मंच से इंस्पेक्टर आनंद सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। उनका आरोप था कि इंस्पेक्टर उनके खिलाफ व्यक्तिगत रंजिश रखते हैं और सार्वजनिक मंचों पर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं। शिकायत इतनी गंभीर मानी गई कि मंत्री ने तत्काल डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह को कार्रवाई का पत्र लिख दिया।
इंस्पेक्टर का तबादला और जांच के आदेश वहीं यह पत्र वायरल होते ही इंस्पेक्टर आनंद सिंह को सीपरी बाजार थाने से हटाकर एएचटीयू शाखा भेज दिया गया। साथ ही आईजी रेंज आकाश कुलहरि ने एसपी ग्रामीण को पूरे मामले की जांच सौंप दी।
सदर विधायक का समर्थन, इंस्पेक्टर की तारीफ लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। इंस्पेक्टर के समर्थन में सदर विधायक रवि शर्मा खुलकर सामने आ गए। उन्होंने मंत्री को पत्र लिखते हुए कहा कि इंस्पेक्टर आनंद सिंह का व्यवहार जनता के प्रति हमेशा मृदुल रहा है और अब तक उनके खिलाफ कोई नकारात्मक तथ्य सामने नहीं आया है। अपराध नियंत्रण में भी उन्होंने सराहनीय कार्य किया है।
दो विधायकों के बीच रस्साकशी इस तरह एक ओर बबीना विधायक इंस्पेक्टर को बर्खास्त करने की मांग कर रहे हैं, तो दूसरी ओर सदर विधायक उनके पक्ष में खड़े हैं। यह अद्भुत स्थिति है जिसमें एक ही पार्टी के दो विधायक खुलेआम पुलिसकर्मी पर उलट राय रख रहे हैं। नतीजा, झांसी की सियासत में गरमी और तेज हो गई है।
पारीछा की पुरानी विवादित छवि गौरतलब है कि बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा इससे पहले भी वंदे भारत ट्रेन में मारपीट कांड को लेकर सुर्खियों में रहे थे। अब इंस्पेक्टर विवाद ने उनका नाम फिर से चर्चा में ला दिया है।
जनता के बीच उठे सवाल जनता के बीच अब यह सवाल गूंज रहा है कि पुलिस अपराधियों से लड़ेगी या नेताओं के व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप से? झांसी की इस राजनीतिक खींचतान ने साफ कर दिया है कि यहां इंस्पेक्टर का भविष्य अपराध नियंत्रण से नहीं, बल्कि नेताओं की चिट्ठियों से तय हो रहा है।.