गिरफ़्तारी के बाद प्रोफेसर को अखिलेश का समर्थन,
BJP के पूर्व सांसद बोलें-जल्द मिलना चाहिए न्याय
1 months ago
Written By: आदित्य कुमार वर्मा
Akhilesh On Professor Arrest: अशोका यूनिवर्सिटी, सोनीपत के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अली खान महमूदाबाद को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर की गई टिप्पणी के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जिसके बाद अब सपा सुप्रीमो और भाजपा एक पूर्व सांसद आरोपी प्रोफ़ेसर के समर्थन में उतर आये हैं। जहां एक ओर अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए पोस्ट कर सच कहने पर गिरफ़्तारी करार दिया है। वहीं भाजपा के पूर्व सांसद रितेश पांडे ने उनकी गिरफ़्तारी को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। जिसके बाद इस घटना को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।
18 मई को हुई गिरफ़्तारी
मिली जानकारी के मुताबिक प्रोफ़ेसर की गिरफ्तारी हरियाणा भाजपा युवा मोर्चा के नेता योगेश जठेड़ी की शिकायत पर दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई है। मामले में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया है कि, “डॉ. अली को 18 मई को दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से गिरफ्तार किया गया और सोनीपत कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया है।”
प्रोफेसर अली खान का विवादित बायान
दरअसल प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए कहा था कि, “कर्नल सोफिया कुरैशी की सराहना करने वालों को भीड़ हिंसा और बुलडोजर कार्रवाई के पीड़ितों के लिए भी आवाज उठानी चाहिए।” वहीं उन्होंने कर्नल कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की मीडिया ब्रीफिंग को "दिखावटी" बताते हुए कहा था कि, “अगर ऐसे प्रयास ज़मीनी स्तर पर नहीं उतरते तो यह केवल पाखंड रह जाएगा।”
प्रोफेसर की सफाई: पोस्ट को गलत तरीके से समझा गया
वहीं विवाद बढ़ाने के बाद डॉ. अली खान ने अपनी सफाई में कहा कि, उनकी पोस्ट को गलत ढंग से व्याख्यायित किया गया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मैंने विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के तहत अपनी बात रखी थी। मेरा उद्देश्य समाज में शांति और सद्भावना को बढ़ावा देना था, न कि किसी का अपमान करना।”
महिला आयोग और भाजपा नेता की शिकायत पर 2 FIR
आपको बताते चलें कि प्रोफेसर अली खान के खिलाफ इस मामले में दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। जिनमे से पहली एफआईआर भाजपा नेता योगेश जठेड़ी की शिकायत पर राई थाने में और दूसरी, राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से समन की अवहेलना पर दर्ज की गई है। इस मामले में महिला आयोग की अध्यक्ष रेनू भाटिया ने विश्वविद्यालय जाकर जांच की, लेकिन प्रोफेसर विश्वविद्यालय में मौजूद नहीं मिले। आयोग का आरोप है कि प्रोफेसर की टिप्पणी महिला सैन्य अधिकारियों और सशस्त्र बलों की भूमिका को कमतर आंकने वाली है। आयोग ने उनकी बर्खास्तगी की मांग भी की है।
सपा प्रमुख का मिला समर्थन
इस मामले के बाद प्रोफसर को अब राजनीतिक समर्थन मिलना भी शुरू हो गया है। अखिलेश यादव ने बिना नाम लिए प्रोफसर का समर्थन किया है। ‘एक्स’ पर लिखा है कि, “हुक्मरानों की बदज़ुबानी पर भी आज़ादी, और किसी के सच कहने पर गिरफ़्तारी।” जिसके बाद उनके इस बयान को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
भाजपा से भी मिला समर्थन
वहीं इस मामले पर भाजपा के पूर्व सांसद रितेश पांडे ने भी प्रोफेसर का समर्थन किया है। खुलकर उनके समर्थन में किये गए पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि, “प्रोफेसर अली खान की गिरफ्तारी दुर्भाग्यपूर्ण है, उन्हें शीघ्र न्याय मिलना चाहिए।”
अशोका यूनिवर्सिटी का बयान
वहीं उनकी गिरफ़्तारी के बाद अशोका यूनिवर्सिटी ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा है कि, उन्हें प्रोफेसर अली खान की गिरफ्तारी की जानकारी मिली है और वे पुलिस तथा प्रशासन को जांच में पूरा सहयोग दे रहे हैं।