अनुराग ठाकुर ने स्कूल में कहा ‘हनुमानजी थे पहले अंतरिक्ष यात्री’, बच्चे और सांसद दोनों गलत
जानें पूरी बात
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
BJP MP Anurag Thakur: 23 अगस्त को नेशनल स्पेस डे के मौके पर ऊना के पेखुबेला स्थित पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय में बच्चों और बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर के बीच एक चर्चित वाकया हुआ। सांसद बच्चों से बात कर रहे थे और मंच से उन्होंने पूछा कि अंतरिक्ष में जाने वाला पहला व्यक्ति कौन था। बच्चों ने सभी ने एक साथ जवाब दिया, नील आर्मस्ट्रांग लेकिन अनुराग ठाकुर ने आश्चर्यजनक रूप से जवाब दिया, मुझे लगता है कि हनुमानजी थे। इस घटना ने न सिर्फ बच्चों को हैरानी में डाल दिया, बल्कि सोशल मीडिया और शिक्षा विशेषज्ञों में भी चर्चा शुरू कर दी।
सही तथ्य क्या है
वास्तव में अंतरिक्ष में जाने वाला पहला व्यक्ति सोवियत अंतरिक्ष यात्री यूरी गगारिन थे, जिन्होंने 1961 में पृथ्वी के चारों ओर चक्कर लगाया था। वहीं, नील आर्मस्ट्रांग 1969 में चंद्रमा पर कदम रखने वाले पहले व्यक्ति बने। इसका मतलब यह है कि सांसद और बच्चों दोनों का जवाब गलत था। इस घटना ने बच्चों को इतिहास और विज्ञान के सही ज्ञान की जरूरत का अहसास कराया।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण और शिक्षा पर असर
यह वाकया शिक्षा और वैज्ञानिक सोच (Scientific Temper) के महत्व को उजागर करता है। भारत के संविधान के आर्टिकल 51A(h) में यह जिम्मेदारी दी गई है कि देश में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा दिया जाए। लेकिन यहां बच्चों को पौराणिक कथाओं को वास्तविकता के रूप में प्रस्तुत किया गया। संभवतः अनुराग ठाकुर का इरादा यह दिखाना था कि हमें अपनी सांस्कृतिक और प्राचीन ज्ञान पर गर्व होना चाहिए। लेकिन, विज्ञान और इतिहास में पौराणिक कथाओं को गढ़ना सही नहीं है।
शिक्षा की वास्तविक स्थिति
छात्रों द्वारा नील आर्मस्ट्रांग का जवाब देना यह दर्शाता है कि उन्हें तथ्य और कल्पना के बीच अंतर करना सीखने की आवश्यकता है। पौराणिक कथाओं का अध्ययन किया जा सकता है, लेकिन उन्हें इतिहास के रूप में प्रस्तुत करना सही नहीं है। स्कूलों और शिक्षकों के लिए यह संदेश है कि बच्चों को सही तथ्यों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुसार मार्गदर्शन देना बेहद जरूरी है।