आज़म खान और अखिलेश यादव की मुलाकात…
सियासी रिश्तों में नई शुरुआत
17 days ago Written By: Ashwani Tiwari
UP Politics News: जेल से बाहर आने के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आज़म खान और पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के बीच लंबे समय से प्रतीक्षित मुलाकात आखिरकार बुधवार को हो ही गई। हालांकि यह मुलाकात टर्म्स एंड कंडीशन्स एप्लाइड थी क्योंकि आज़म खान ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो केवल अखिलेश से मिलेंगे और अखिलेश भी सिर्फ उनसे। मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा करते हुए लिखा, क्या कहें भला उस मुलाक़ात की दास्तान, जहां बस जज़्बातों ने खामोशी से बात की।
तीन घंटे चली मुलाकात, किसी और को नहीं मिली एंट्री अखिलेश यादव बुधवार को लखनऊ से बरेली पहुंचे, जहां रामपुर के सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी उनके साथ थे। लेकिन बरेली से रामपुर का सफर उन्होंने अकेले तय किया। सपा का कोई बड़ा नेता या स्थानीय सांसद उनके साथ नहीं था। अखिलेश का हेलीकॉप्टर जब जौहर यूनिवर्सिटी में उतरा, तो खुद आज़म खान ने उन्हें रिसीव किया। वहां से दोनों एक ही गाड़ी में उनके घर पहुंचे। घर के अंदर लगभग दो घंटे चली मुलाकात पूरी तरह वन टू वन रही। आज़म खान के बेटे तक मौजूद नहीं थे, और नदवी तो पहले ही बरेली में रुक गए थे।
नदवी से क्यों खफा हैं आज़म खान सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी में 2024 लोकसभा चुनाव के टिकट बंटवारे के दौरान दरार शुरू हुई थी। आज़म खान नहीं चाहते थे कि मौलाना नदवी रामपुर से चुनाव लड़ें। उन्होंने अखिलेश यादव को जेल में मुलाकात के दौरान सुझाव दिया था कि खुद रामपुर से चुनाव लड़ें। लेकिन जब फाइनल लिस्ट आई, तो टिकट नदवी को दे दिया गया। आज़म खान उन्हें हेलीकॉप्टर कैंडिडेट मानते हैं और उनका कहना है कि नदवी ज़मीनी नेता नहीं हैं। इस फैसले से नाराज होकर उन्होंने प्रचार में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
अखिलेश ने की मनाने की कोशिश, बीजेपी ने कसा तंज राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि इस मुलाकात से आज़म खान की नाराजगी कम हो सकती है। अखिलेश यादव ने उनके प्रति सम्मान जताते हुए भरोसा दिलाया कि PDA सरकार आने पर उनके मुकदमे वापस लिए जाएंगे। वहीं, बीजेपी नेताओं ने इसे मुस्लिम वोट बैंक बचाने की कवायद बताया। मंत्री जेपीएस राठौर और ओपी राजभर ने तंज कसते हुए कहा कि जब आज़म खान मुश्किल में थे तब अखिलेश ने उनका साथ नहीं दिया, अब चुनाव से पहले उन्हीं के दरबार में हाजिरी दे रहे हैं।