इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बावजूद आजम खान फिलहाल जेल में ही रहेंगे,
राजनीतिक और कानूनी मामला दोनों बने चर्चा का विषय
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
UP Politics News: उत्तर प्रदेश के समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री मोहम्मद आजम खान को रामपुर के डूंगरपुर कांड में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिली है। यह उनके लिए बड़ी राहत मानी जा रही है, लेकिन फिलहाल जेल से रिहाई संभव नहीं है। इसके पीछे कारण यह है कि उनके खिलाफ एक अन्य लंबित आपराधिक मामला अभी भी लंबित है। माना जा रहा है कि जब क्वालिटी बार की जमीन के मामले में उन्हें भी जमानत मिल जाएगी, तभी उनका जेल से बाहर आना संभव होगा।
डूंगरपुर कांड की पृष्ठभूमि
रामपुर जिले के गंज थाना क्षेत्र में 2016 में हुई इस घटना में डूंगरपुर बस्ती के निवासियों को कथित तौर पर जबरन बेदखल किया गया था। शिकायतकर्ता अबरार ने आरोप लगाया कि आजम खान, रिटायर्ड पुलिस सीओ आले हसन खान और ठेकेदार बरकत अली ने उनके साथ मारपीट की, घर में तोड़फोड़ की और जान से मारने की धमकी दी। इस कार्रवाई में जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया गया और पूरे क्षेत्र को पुलिस छावनी में बदल दिया गया। इस मामले में कुल 12 मुकदमे दर्ज किए गए थे।
जमानत के बावजूद जेल में क्यों?
डूंगरपुर कांड में जमानत मिलने के बावजूद आजम खान फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। उनके खिलाफ एक अन्य मामला लंबित है जिसमें क्वालिटी बार की जमीन अपने परिवार को देने का आरोप है। इस मामले में जमानत का इंतजार है। कुल मिलाकर आजम खान के खिलाफ 80 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें बकरी चोरी, किताब चोरी और जमीन कब्जाने जैसे मामले शामिल हैं।
राजनीतिक विवाद और असर
आजम खान और उनके समर्थक इन मामलों को बीजेपी सरकार की राजनीतिक साजिश मानते हैं। उनका कहना है कि रामपुर में उनके खिलाफ दर्ज ज्यादातर मामले सत्ता परिवर्तन के बाद राजनीतिक रूप से प्रेरित हुए। सपा सरकार के दौरान डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने की कार्रवाई प्रशासनिक थी, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद इसे जबरन बेदखली के रूप में पेश किया गया।
भविष्य की राह
जमानत मिलने के बावजूद, आजम खान की जेल से रिहाई का इंतजार है। जब क्वालिटी बार की जमीन मामले में भी जमानत मिल जाएगी, तब उनका राजनीतिक कदम और सपा में भूमिका फिर से चर्चा में आएगी।