बकरीद से पहले मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने सभी इमामों को लिखा पत्र,
संबोधन में पाकिस्तान की निंदा करने की अपील
3 days ago
Written By: NEWS DESK
Bakrid 2025: बकरीद से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने एक अहम पहल की है। उन्होंने शुक्रवार, 6 जून को जुमे की नमाज से पहले देशभर के इमामों को एक पत्र लिखकर खास अपील की है। इस पत्र में रजवी ने मांग की है कि, इमाम अपने संबोधन में कुछ विशेष और महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल करें।
बकरीद पर करें पाक की निंदा
मौलाना रजवी ने कहा, “आज मैंने हजारों ईदगाहों और लाखों मस्जिदों के इमामों को संबोधित करते हुए एक पत्र लिखा है। इस पत्र में मैंने अनुरोध किया है कि ईद-अल-अज़हा के मौके पर जब बड़ी संख्या में लोग नमाज के लिए इकट्ठा होते हैं, तो इमामों को अपने संबोधन में देशहित से जुड़ी बातें रखनी चाहिए।”
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि “इमामों को अपने बयान में पहलगाम में हुए कायराना और अमानवीय आतंकी हमले की निंदा जरूर करनी चाहिए। यह हमला पाकिस्तान से प्रायोजित था। साथ ही उन्हें भारत द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता के बारे में भी नमाज़ियों को बताना चाहिए, जिसमें आतंकियों के ठिकानों को तबाह किया गया था।”
कुर्बानी पर रोक की मांग करने वालों पर साधा निशाना
मौलाना रजवी ने बकरीद की कुर्बानी को लेकर भी बयान दिया। उन्होंने कहा कि इस साल ईद-उल-अजहा की नमाज 7 जून को अदा की जाएगी और उसी दिन से तीन दिन तक कुर्बानी की परंपरा चलेगी। आमतौर पर ज्यादातर लोग पहले दिन ही कुर्बानी करते हैं।
उन्होंने कहा कि “भारत में कुछ ताकतें कुर्बानी पर रोक लगाने की मांग कर रही हैं। इनमें हैदराबाद के टी राजा, मुंबई के नितीश राणे, रामभद्राचार्य और गाजियाबाद के विधायक नंद किशोर गुर्जर शामिल हैं। ये लोग कह रहे हैं कि कुर्बानी पर रोक लग गई है, जो कि पूरी तरह गलत और असंभव है।”
नहीं छोड़ सकते कुर्बानी
रजवी ने कहा कि “ईद-उल-अजहा कोई नई परंपरा नहीं है, यह इस्लाम का एक पुराना त्योहार है जिसे साढ़े 1400 सालों से मनाया जा रहा है। मुसलमान इस त्योहार पर किसी भी हाल में कुर्बानी करना नहीं छोड़ सकते।”