बिहार विधानसभा चुनाव 2025: महागठबंधन में दरार,
भागलपुर की कुछ सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी आमने-सामने
1 months ago Written By: ANIKET PRAJAPATI
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के दूसरे और अंतिम चरण से पहले महागठबंधन की एकता पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। भागलपुर की कुछ महत्वपूर्ण सीटों पर कांग्रेस और आरजेडी अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए खुलकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। कहलगांव और सुल्तानगंज जैसी सीटों पर कभी दोनों दलों का तालमेल दिखता था, वहीं अब राहुल गांधी और तेजस्वी यादव अपने उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग मंच से वोट मांगते नजर आ रहे हैं। इससे गठबंधन में दरार और स्थानीय कार्यकर्ताओं में असमंजस साफ दिखाई दे रहा है।
कहलगांव और सुल्तानगंज में उम्मीदवारों का आमने-सामने मुकाबला कहलगांव में आरजेडी ने रजनीश यादव को उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने प्रवीण सिंह कुशवाहा को मैदान में उतारा है। सुल्तानगंज में भी दोनों दलों के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। राहुल गांधी ने कांग्रेस उम्मीदवारों अजीत शर्मा, प्रवीण कुशवाहा और लल्लन यादव के समर्थन में मंच पर वोट मांगे। वहीं, तेजस्वी यादव ने रजनीश यादव के समर्थन में अपनी जनसभा में लोगों से वोट की अपील की।
गठबंधन की दरार को सार्वजनिक किया चुनाव प्रचार भागलपुर में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के अलग-अलग मंचों पर चुनाव प्रचार करने से महागठबंधन में असमंजस साफ दिखाई दे रहा है। तेजस्वी यादव की जनसभा में आरजेडी और सीपीआई का झंडा नजर आया, लेकिन कांग्रेस का झंडा गायब था। इससे यह स्पष्ट होता है कि महागठबंधन का दावा अब केवल शब्दों में रह गया है।
पहले चरण में भी दिखी थी दरार पहले चरण की वोटिंग में लालगंज, वैशाली और वारसलीगंज जैसी सीटों पर महागठबंधन के घटक दलों के प्रत्याशी आमने-सामने थे। अब दूसरे चरण में कहलगांव और सुल्तानगंज में भी कांग्रेस और आरजेडी के उम्मीदवार आमने-सामने हैं। कांग्रेस की पुश्तैनी कहलगांव सीट पर आरजेडी के रजनीश यादव के मैदान में आने से मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है।
स्थानीय कार्यकर्ताओं और वोटरों में असमंजस गठबंधन में दरार से स्थानीय कार्यकर्ताओं और वोटरों में ऊहापोह की स्थिति बन गई है। कोई नहीं जानता कि किस उम्मीदवार के समर्थन में प्रचार करें। यह स्थिति महागठबंधन की पहले दिखाए गए एकजुटता के दावे को कमजोर करती है।