CIA-Mossad साजिश के दावों पर BJP का पलटवार,
संबित पात्रा का हमला, कांग्रेस पर निशाना
1 months ago Written By: Aniket prajapati
कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सांसद कुमार केतकर द्वारा 2014 के चुनाव में अमेरिका की CIA और इजरायल की Mossad की साजिश का दावा करने के बाद राजनीतिक देने-लेने तेज हो गया है। बीजेपी ने इसे खारिज करते हुए कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। पार्टी के प्रवक्ता सांसद संबित पात्रा ने कहा कि चुनाव जीतने का श्रेय विदेशी एजेंसियों को नहीं, जनता को जाता है और कांग्रेस ऐसी बातें कर अपनी नितांत असफलताओं की जिम्मेदारी टालना चाहती है। पात्रा ने यह भी कहा कि अगर कोई पार्टी ISI जैसे एजेंडों पर काम करे या राम मंदिर जैसे देशी मुद्दों का विरोध करे तो उसकी बढ़त कैसे होगी।
केतकर का क्या दावा है? संविधान दिवस के एक कार्यक्रम में कुमार केतकर ने कहा था कि 2014 में कांग्रेस की हार के पीछे विदेशी खुफिया एजेंसियों की साजिश थी। उनके मुताबिक 2004 और 2009 के चुनावों की लय को देखते हुए 2014 में कांग्रेस को इतनी कम सीटें कैसे मिलीं, यह सहज नहीं समझ आता इसलिए वे इस नतीजे पर पहुंचे कि विदेशी हस्तक्षेप हुआ होगा। इस दावे ने राजनीतिक हलकों में चर्चा और विवाद दोनों ही पैदा कर दिया।
बीजेपी की प्रतिक्रिया: जनता ही तय करती है जीत-हार बीजेपी सांसद एवं प्रवक्ता संबित पात्रा ने केतकर के आरोपों को सीधे नकारते हुए कहा कि बीजेपी को विदेशी एजेंसियां नहीं, जनता जीताती है। पात्रा ने जोर देकर कहा कि जिन लोगों को गैस सिलेंडर, घर और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलता है, वही भाजपा को वोट देते हैं। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी अपना असंतोष और हार छिपाने के लिए ऐसे दावे कर रही है। पात्रा ने यह भी कहा कि यदि कांग्रेस दक्षिणपंथी और राष्ट्रीय मुद्दों के खिलाफ चली जैसे राम मंदिर का विरोध या बाबरी मस्जिद को फिर से बनवाने की बात तो वह जनता के नजरिए में कैसे प्रबल रहती।
राजनीतिक माहौल और आगे की संभावनाएं केतकर के दावे और बीजेपी के पलटवार ने चुनावी विमर्श में एक नया मोड़ ला दिया है। फिलहाल कांग्रेस की ओर से इस विषय पर आधिकारिक प्रतिक्रिया पर नहीं आई है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि ऐसे दावे और उनके खिलाफ दिए जाने वाले बयान चुनावी राजनीति में जोड़-घटाव का हिस्सा बन जाते हैं और जनभावना को प्रभावित कर सकते हैं। 2014 की हार-जीत के पीछे कारणों की बहस पुरानी है, लेकिन विदेशी साजिश के दावे ने इसे फिर से सार्वजनिक मंच पर ला दिया है। अगले दिनों में दोनों पक्षों से और बयान अपेक्षित हैं, जो इस विवाद को और आगे बढ़ा सकते हैं।