यूपी में भी शुरू हुआ SIR अभियान, वोटर लिस्ट से हटेंगे 1.5 करोड़ नाम,
2027 के लिए बीजेपी की बड़ी रणनीति
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
UP Politics: उत्तर प्रदेश में 2027 के विधानसभा चुनावों से पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मतदाता सूची को दुरुस्त करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान शुरू करने की घोषणा की है। इस अभियान के तहत बूथ स्तर पर घर-घर जाकर मतदाता सूची की जांच की जाएगी। इसका उद्देश्य फर्जी मतदाताओं और दोहरे नामों को सूची से हटाना है। बीजेपी ने इस अभियान को पंचायत चुनावों से जोड़कर राजनीतिक माहौल बनाने की भी शुरुआत कर दी है।
घर-घर जाकर होगी मतदाता सूची की जांच
बीजेपी के सूत्रों के अनुसार, यह अभियान बूथ स्तर पर संचालित होगा। इसके लिए कार्यकर्ताओं की टीमें बनाई गई हैं जो घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करेंगी। पार्टी का कहना है कि सूची में केवल सही और वैध मतदाताओं के नाम ही रहने चाहिए। मृत व्यक्तियों और एक ही व्यक्ति के दोहरे नामों को हटाने पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
डेढ़ करोड़ दोहरे नामों का खुलासा राज्य निर्वाचन आयोग की हाल की जांच में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। लगभग डेढ़ करोड़ मतदाताओं के नाम ग्राम पंचायत और नगरीय निकाय की सूचियों में दोहरे पाए गए हैं। बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह खामी न केवल मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता को प्रभावित करती है, बल्कि चुनावी नतीजों पर भी असर डाल सकती है। इसी वजह से पार्टी ने तत्काल कार्रवाई का निर्णय लिया है।
पंचायत चुनाव से विधानसभा तक की रणनीति बीजेपी पंचायत चुनावों को विधानसभा चुनाव की तैयारी का हिस्सा मान रही है। पार्टी का मानना है कि पंचायत चुनावों में जीत से 2027 के विधानसभा चुनाव का माहौल मजबूत होगा। इस अभियान के जरिए बीजेपी अपने संगठन को सक्रिय कर रही है और मतदाताओं के बीच भरोसा बढ़ाने का प्रयास कर रही है। बूथ स्तर पर प्रशिक्षण शिविर भी लगाए जा रहे हैं ताकि कार्यकर्ता सूची की गड़बड़ियों को पहचानकर निर्वाचन आयोग से संपर्क कर सकें।
विपक्ष पर आरोप और अपील बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया कि मतदाता सूची में गड़बड़ियां विपक्षी दलों की साजिश के तहत की जाती हैं। उन्होंने दावा किया कि उनका अभियान ऐसी साजिशों को नाकाम करेगा और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करेगा। पार्टी ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अपने नाम और विवरण की जांच करें और किसी भी त्रुटि की सूचना स्थानीय बीजेपी कार्यकर्ताओं या निर्वाचन आयोग को दें। बीजेपी का कहना है कि साफ-सुथरी मतदाता सूची केवल उनके लिए ही नहीं, बल्कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए भी जरूरी है।