कांग्रेस में फिर छिड़ा विवाद: पुतिन के डिनर में सिर्फ शशि थरूर को मिला न्योता,
पार्टी नेताओं ने उठाए सवाल
4 days ago Written By: Ashwani Tiwari
देश की राजनीति में एक बार फिर कांग्रेस की आंतरिक खींचतान खुलकर सामने आ गई है। मामला इस बार राष्ट्रपति भवन में 5 दिसंबर को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के सम्मान में आयोजित डिनर से जुड़ा है। इस कार्यक्रम में विपक्ष की ओर से सिर्फ कांग्रेस सांसद शशि थरूर को आमंत्रित किया गया, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को न्योता नहीं मिला। थरूर डिनर में शामिल भी हुए, लेकिन यही बात अब पार्टी के अंदर बड़े विवाद का कारण बन गई है। पार्टी के कई नेताओं ने थरूर से सवाल पूछते हुए इसे ‘राजनीतिक खेल’ बताया है।
पवन खेड़ा ने उठाए सवाल, कहा- यह खेल क्यों खेला जा रहा है कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने शशि थरूर के डिनर में जाने पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि जब वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित नहीं किया गया, तो थरूर को समझना चाहिए था कि इसके पीछे कोई राजनीतिक संदेश है। खेड़ा ने कहा, अगर मेरे नेताओं को बुलावा नहीं भेजा जाता लेकिन मुझे भेजा जाता है, तो हमें समझना चाहिए कि कौन सा खेल खेला जा रहा है और हमें उसका हिस्सा क्यों नहीं बनना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि निमंत्रण स्वीकार करना ‘हैरानी’ की बात है और हर व्यक्ति की अपनी अंतरात्मा की आवाज होती है।
थरूर का जवाब- जाऊंगा, लेकिन विपक्ष को न बुलाना गलत डिनर से पहले शशि थरूर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे कार्यक्रम में शामिल जरूर होंगे। उन्होंने माना कि विपक्षी नेताओं राहुल गांधी और खरगे को ना बुलाना सही नहीं है। थरूर ने कहा, मुझे नहीं पता कि किस आधार पर न्योता भेजा गया, लेकिन मैं डिनर में जाऊंगा।
राहुल गांधी और खरगे को न्योता नहीं, पार्टी ने जताई नाराजगी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डिनर से पहले ही यह साफ हो गया था कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे को आमंत्रित नहीं किया गया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी सोशल मीडिया पर इसकी पुष्टि की। 4 दिसंबर को राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया था कि वह विदेश से आने वाले प्रतिनिधिमंडलों से मिलने के लिए विपक्षी नेताओं को नहीं बुलाती। सरकार ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया। सरकार का कहना है कि राहुल गांधी विपक्ष के नेता बनने के बाद चार अंतरराष्ट्रीय नेताओं से मिल चुके हैं।
पहले भी विवादों में रहे हैं शशि थरूर यह पहला मौका नहीं है जब थरूर अपनी पार्टी के नेताओं के निशाने पर आए हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विदेश में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनने पर भी उनकी आलोचना हुई थी। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लॉर्ड मैकाले पर की गई स्पीच के दौरान मौजूद रहने और बाद में तारीफ करने पर भी पार्टी नेताओं ने नाराजगी जताई थी।