लालू यादव ने दिया बड़ा बयान… कहा- अब नीतीश कुमार से कोई बात नहीं,
बिहार की सियासत में बढ़ी हलचल
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग से पहले राजनीतिक बयानबाजी अपने चरम पर है। रविवार को चुनाव प्रचार थम जाएगा, जबकि मंगलवार को मतदाता अपने उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे। इसी बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार बिहार चुनाव का मुख्य मुद्दा बेरोजगारी है और अगर उनकी पार्टी की सरकार बनती है, तो राज्य से बेरोजगारी को खत्म करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी।
नीतीश कुमार को हटाना ही जनता का फैसला – लालू यादव
लालू यादव ने एक मीडिया को दिए एक विशेष इंटरव्यू में कहा कि बिहार की जनता अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से तंग आ चुकी है। उन्होंने दावा किया कि इस बार उनकी पार्टी नीतीश कुमार को सत्ता से हटाने जा रही है। पटना के 10 सर्कुलर रोड स्थित राबड़ी देवी के सरकारी आवास पर उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कारणों से वे प्रचार से दूर हैं, लेकिन पार्टी की रणनीति पूरी तरह तय है।
अब नीतीश के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा जब लालू यादव से पूछा गया कि क्या भविष्य में नीतीश कुमार के साथ फिर से गठबंधन की कोई संभावना है, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा –अब हम नीतीश कुमार को स्वीकार नहीं करेंगे। इस सवाल पर उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि वे नीतीश के संपर्क में भी नहीं हैं। दरअसल, पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा थी कि अगर एनडीए जीतता है और भाजपा नीतीश को मुख्यमंत्री नहीं बनाती, तो क्या नीतीश फिर से महागठबंधन की ओर रुख कर सकते हैं।
अमित शाह के बयान से बढ़ी राजनीतिक हलचल
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि एनडीए चुनाव नीतीश के नेतृत्व में लड़ रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री का फैसला नवनिर्वाचित विधायक करेंगे। इस बयान के बाद जेडीयू खेमे में असंतोष देखने को मिला। हालांकि बाद में एनडीए के कई नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि जीत की स्थिति में नीतीश ही मुख्यमंत्री होंगे। चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नीतीश की जमकर तारीफ की और लालू के “जंगलराज” को मुद्दा बनाया।
बिहार की सियासत में लालू-नीतीश की लंबी कहानी लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने पिछले 35 वर्षों में बिहार की राजनीति को कई बार नया आकार दिया है। कभी एक-दूसरे के विरोधी रहे दोनों नेता कई मौकों पर सहयोगी भी बने। 2015 और 2022 में नीतीश ने राजद से हाथ मिलाकर लालू परिवार की प्रासंगिकता बनाए रखी और तेजस्वी यादव को उपमुख्यमंत्री बनाया। वहीं, लालू यादव ने गठबंधन में मुख्यमंत्री पद पर दावा न करके नीतीश को खुला रास्ता दिया।