बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने ईवीएम पर उठाए सवाल,
पेपर बैलेट से चुनाव की दोहराई मांग
4 days ago
Written By: STATE DESK
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को प्रेस को संबोधित करते हुए देश में हो रहे चुनावों को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि चुनाव इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय पारंपरिक बैलेट पेपर से कराए जाएं। उन्होंने दावा किया कि अगर ऐसा होता है तो बसपा के “अच्छे दिन” फिर से लौट आएंगे।
जातिवादी पार्टियों ने बनया उपेक्षित वर्गों को निशाना
मायावती ने कहा कि सत्ता और विपक्ष में बैठी जातिवादी पार्टियां पर्दे के पीछे से विशेष रूप से दलितों और उपेक्षित वर्गों में से कुछ स्वार्थी और अवसरवादी लोगों को अपने पक्ष में करती रही हैं। इन लोगों के माध्यम से उन्होंने कई संगठन और पार्टियां बनवाईं, ताकि बसपा को कमजोर किया जा सके।
उन्होंने आरोप लगाया कि ये जातिवादी पार्टियां बसपा के प्रभाव वाले राज्यों, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश में, दलित और पिछड़े वर्ग के मतदाताओं को गुमराह करके उनका वोट बांट रही हैं, जिससे बसपा की ताकत कम की जा सके।
बसपा का अस्तित्व खत्म करना चाहती हैं विरोधी पार्टियाँ
बसपा प्रमुख ने दावा किया कि, विरोधी पार्टियां हर हथकंडा अपना रही हैं ताकि देश में बसपा का अस्तित्व लगभग खत्म कर दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि विरोधी दल अपने राजनीतिक फायदे के लिए अवसरवादी संगठनों और पार्टियों को मदद देकर उन्हें संसद और विधानसभा तक पहुंचा रहे हैं।
मायावती ने स्पष्ट आरोप लगाते हुए कहा कि बसपा के उम्मीदवारों को हराने के लिए ईवीएम में गड़बड़ी की जा रही है, जिससे दलितों और पिछड़े वर्गों का बसपा से मोह भंग हो जाए। हालांकि उन्होंने माना कि अब कई विपक्षी दल भी ईवीएम की गड़बड़ियों पर सवाल उठाने लगे हैं।
पेपर बैलेट से कराए जायें चुनाव
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि “हमारी पार्टी समेत अब ज्यादातर विपक्षी पार्टियां यही चाहती हैं कि देश में सभी चुनाव पहले की तरह पेपर बैलेट से ही कराए जाएं। हालांकि यह मौजूदा सरकार के रहते संभव नहीं लगता, लेकिन भविष्य में सत्ता परिवर्तन के बाद यह मुमकिन हो सकता है।”
मायावती ने कहा कि यदि चुनाव मतपत्रों से होते हैं तो बसपा दोबारा राजनीतिक रूप से मजबूत होकर उभरेगी और पार्टी के “अच्छे दिन” वापस आएंगे। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं को आगाह करते हुए कहा कि जो अवसरवादी संगठन और पार्टियां बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर, कांशीराम और बहुजन आंदोलन से नहीं जुड़ी हैं, वे केवल निजी स्वार्थ के लिए राजनीति कर रही हैं।
सभी वर्गों के विकास से होगा समान विकास
मायावती ने देश की जीडीपी में बहुजन समाज की हिस्सेदारी न होने को एक बड़ी समस्या बताया। उन्होंने कहा कि जब तक सभी वर्गों का विकास समान रूप से नहीं होगा, देश का संतुलित विकास नहीं हो सकता।
वहीं, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को दुखद और चिंताजनक बताते हुए मायावती ने कहा कि देश की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं और इस कारण आतंकवादी घटनाएं होती रहती हैं। उन्होंने इस मुद्दे के राजनीतिकरण की आलोचना भी की।