राजनीति में साइंस का फॉर्मूला: OP राजभर ने खुद को बताया इलेक्ट्रॉन,
सहयोगियों को दिया प्रोटोन-न्यूट्रॉन का दर्जा
5 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
OP Rajbhar: उत्तर प्रदेश की राजनीति में सुभासपा प्रमुख और योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं. कभी अपने विवादित टिप्पणियों से तो कभी अपने राजनीतिक कदमों से वह चर्चा का विषय बन जाते हैं. इस बार भी उनका बयान चर्चा में है, लेकिन यह बयान राजनीति के बजाय विज्ञान से जुड़ा है. ओम प्रकाश राजभर ने खुद की तुलना इलेक्ट्रॉन से की है और अपने सहयोगियों को न्यूट्रॉन और प्रोटोन बताया है. उनके इस बयान ने राजनीति में एक अलग ही बहस छेड़ दी है.
इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रॉन और प्रोटोन का जिक्र
दरअसल, कांग्रेस पार्टी द्वारा एटमी बम के मुद्दे पर दिए गए बयान का जिक्र करते हुए ओपी राजभर ने कहा उधर एटम बम है, तो इधर परमाणु बम है. हम तीन लोग हैं – इलेक्ट्रॉन, न्यूट्रॉन और प्रोटोन. उन्होंने अपने नाम के साथ संजय निषाद और अनुप्रिया पटेल का भी नाम लिया. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इलेक्ट्रॉन स्थिरता में ज्यादा ताकतवर माना जाता है. यानी खुद को इलेक्ट्रॉन बताकर ओपी राजभर ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह अपनी ताकत और प्रभाव में सबसे आगे हैं.
जातिगत और क्षेत्रीय राजनीति का असर
यूपी की सियासत में ओपी राजभर की अपनी पकड़ है. चाहे सपा की सरकार रही हो या भाजपा की, वह हमेशा मंत्री पद पर अपनी जगह बनाने में सफल रहे हैं. इसकी बड़ी वजह है उनका जातिगत आधार. राजभर समाज के प्रतिनिधि होने के कारण उनका प्रभाव पूर्वांचल के जिलों चंदौली, मऊ, गाजीपुर और वाराणसी में खासा देखने को मिलता है. वहीं, अनुप्रिया पटेल का प्रभाव मिर्जापुर, चंदौली, सोनभद्र, वाराणसी और प्रयागराज जिलों में है.
बीजेपी को दिया इशारा
बता दें कि ओपी राजभर का यह बयान उनके राजनीतिक संदेश के रूप में भी देखा जा रहा है. जिन पार्टियों का नाम उन्होंने लिया, वे सभी एनडीए का हिस्सा हैं. हालांकि पंचायत चुनाव के दौर में तीनों दल बीजेपी से अलग सुर भी मिलाते नजर आ रहे हैं. राजभर ने यह बयान देकर साफ कर दिया कि एनडीए के भीतर छोटे दल भी अपनी ताकत और अहमियत रखते हैं.