लोकतंत्र के हत्यारों को बचा रहे हैं ज्ञानेश कुमार…
राहुल गांधी का बड़ा आरोप, सामने रखे सबूत
1 months ago Written By: Ashwani Tiwari
Rahul Gandhi PC Vote Chori: लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। इस बार उन्होंने सीधे चीफ इलेक्शन ऑफिसर ज्ञानेश कुमार का नाम लेते हुए कहा कि वे वोट चोरी करने वालों को बचा रहे हैं। राहुल गांधी का कहना है कि कर्नाटक और महाराष्ट्र में कांग्रेस समर्थक वोटरों के नाम लिस्ट से हटाए जा रहे हैं और यह सब एक सेंट्रलाइज्ड सिस्टम के जरिए किया जा रहा है।
राहुल गांधी का आरोप: सॉफ्टवेयर से हो रही वोट चोरी राहुल गांधी ने कहा कि यह सब कार्यकर्ता स्तर पर नहीं, बल्कि कॉल सेंटर लेवल पर किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि बाहर के राज्यों से फोन नंबरों का इस्तेमाल कर वोटरों के नाम हटाए जा रहे हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि न तो उस व्यक्ति को पता चलता है, जिसका नाम डिलीट हुआ और न ही उस व्यक्ति को, जिसके नाम का इस्तेमाल करके यह गड़बड़ी की गई। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि कर्नाटक के आलंद में 6018 वोटर का नाम डिलीट किया गया था। यह तब सामने आया जब एक BLO को पता चला कि उसके ही रिश्तेदार का नाम गायब है। जांच में सामने आया कि उसके पड़ोसी के नाम से यह काम हुआ, लेकिन पड़ोसी ने इसे नकार दिया। राहुल गांधी ने कहा कि यह साफ है कि सिस्टम को हाईजैक करके वोट डिलीट किए जा रहे हैं।
मंच पर बुलाए पीड़ित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान राहुल गांधी ने एक पीड़ित को भी स्टेज पर बुलाया। सूर्यकांत गोविना नामक व्यक्ति ने बताया कि उनके नाम का इस्तेमाल कर 14 मिनट में 12 लोगों के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए। उन्होंने साफ कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं थी और न ही उन्होंने कभी किसी को फोन किया।
महाराष्ट्र, हरियाणा और यूपी का भी जिक्र राहुल गांधी ने कहा कि इसी पैटर्न पर महाराष्ट्र में भी वोट डिलीट किए गए हैं। उनके पास पक्के सबूत हैं कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी ऐसा हुआ है। उन्होंने चुनाव आयोग से मांग की कि एक हफ्ते के भीतर कर्नाटक CID को उन नंबरों और डिवाइस की जानकारी दी जाए, जिनसे यह काम किया गया।
पहले भी लगाए थे आरोप कांग्रेस ने इससे पहले भी बीजेपी और चुनाव आयोग पर मतदाता सूची से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। पार्टी ने कहा था कि बेंगलुरु सेंट्रल की महादेवपुरा सीट में फर्जी नाम जोड़े गए और असली मतदाताओं के नाम हटाए गए। बिहार में भी मतदाता सूची की गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया में इसी तरह की गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया था।