राजद में टिकट वितरण का नाटक,
तेजस्वी यादव ने रोक दी प्रक्रिया
11 days ago Written By: अनिकेत प्रजापति
बिहार की सियासत में सोमवार को राजद कार्यालय से निकलते ही अफरा-तफरी का माहौल बन गया। पार्टी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने आवास पर उम्मीदवारों को टिकट बांटना शुरू किया था, लेकिन अचानक यह प्रक्रिया रोक दी गई। इसकी वजह थी उनके पुत्र और पार्टी के नेता तेजस्वी यादव का हस्तक्षेप। तेजस्वी ने अपने पिता को याद दिलाया कि बिहार में ‘इंडिया’ गठबंधन के सीट बंटवारे पर अभी औपचारिक सहमति नहीं बनी है। पटना के 10, सर्कुलर रोड स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर बड़ी संख्या में टिकट के दावेदार इकट्ठा हो गए थे। कुछ को पार्टी कार्यालय से फोन आने के बाद बुलाया गया था। जैसे ही उम्मीदवारों को प्रतीक दिए गए, वे खुशी-खुशी बाहर आए, लेकिन देर रात तेजस्वी के निर्देश के बाद टिकट वापस ले लिए गए। राजद सूत्रों ने इसे “तकनीकी कारण” बताया। अब पार्टी की औपचारिक घोषणा आज शाम तक होने की संभावना जताई जा रही है।
किस-किस को मिला टिकट
इस दौरान कई नामी उम्मीदवारों को राजद का चुनाव चिह्न दिया गया। परबत्ता से संजीव कुमार, जो हाल ही में जद(यू) छोड़ चुके हैं, और मटिहानी से कई बार विधायक रह चुके नरेंद्र कुमार सिंह उर्फ बोगो भी इनमें शामिल थे। इसके अलावा मौजूदा विधायकों भाई वीरेंद्र, चंद्रशेखर यादव (मधेपुरा) और इस्राइल मंसूरी (कांटी) को भी टिकट दिए गए।
लोकसभा चुनावों की याद ताजा
राजद में यह दृश्य पिछले साल के लोकसभा चुनाव की याद दिला रहा था। उस समय भी लालू प्रसाद ने गठबंधन सहयोगियों की सहमति से पहले ही कई टिकट बांट दिए थे, जिससे राजनीतिक हलचल मची थी। इस बार भी गठबंधन सहयोगियों—कांग्रेस, तीन वाम दलों और मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी—को बाद में राजद के फैसले मानने पड़े। इसके अलावा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की झामुमो और पूर्व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की रालोजपा के साथ गठजोड़ की संभावना भी बनी हुई है।