आगरा संगठन को समाजवादी पार्टी ने किया भंग, पीडीए वर्ग और युवाओं पर फोकस,
सामने आ सकती है नई रणनीति
6 days ago
Written By: STATE DESK
Samajwadi Party: समाजवादी पार्टी (सपा) ने 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल के निर्देश पर आगरा जिले और महानगर की सभी इकाइयों को भंग कर दिया है। इसमें जिला और महानगर कमेटियों के साथ-साथ प्रकोष्ठों की इकाइयां भी शामिल हैं। इस फैसले को पार्टी की नई रणनीति के तहत देखा जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) वर्ग के कार्यकर्ताओं को संगठन में ज्यादा से ज्यादा भागीदारी देना है।
PDA को मिल सकता है फ़ायदा
मिली जानकारी के मुताबिक, पहले कई मौकों पर बीजेपी नेताओं ने सपा की सांगठनिक नियुक्तियों पर पीडीए फॉर्मूले को लेकर सवाल उठाए थे। लेकिन अब जब सपा ने खुलकर इस एजेंडे को अपनाया है, तो बीजेपी को भी अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना पड़ सकता है। माना जा रहा है कि, पार्टी में इस बार PDA के पधाधिकारियों की बहार आ सकती है। जिसको सपा का चुनवी दाव माना जा रहा है।
पीडीए एजेंडा और 2027 का मिशन
जानकारों के मुताबिक, सपा हमेशा से पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग को अपनी ताकत मानती रही है। अखिलेश यादव की अगुवाई में पार्टी ने 2019 के बाद से इस एजेंडे को मजबूती से आगे बढ़ाया है। 2022 के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने इसी वर्ग को संगठन में प्रमुखता दी थी, हालांकि सफलता सीमित रही। इस बार पार्टी कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती और 2027 का विधानसभा चुनाव जीतने की रणनीति में जुट गई है।
युवाओं को मिलेगा मौका
सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्यामलाल पाल ने साफ किया है कि, नई कार्यकारिणी में जमीनी और अनुभवी कार्यकर्ताओं को जगह दी जाएगी। इसके साथ ही युवाओं को संगठन में अहम जिम्मेदारी दी जाएगी ताकि पार्टी में नई ऊर्जा आए और संगठन मजबूत हो।
आगरा को लेकर विशेष रणनीति
बताया जा रहा है कि, आगरा जिले में सपा का मजबूत जनाधार है, खासतौर पर पीडीए वर्ग की बड़ी आबादी होने के कारण। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि इस वर्ग के नेताओं को संगठन में आगे लाकर 2027 में बड़ी जीत हासिल की जा सकती है। इसके अलावा युवाओं के जोश और नई सोच से संगठन को नई दिशा मिलेगी।