योगी सरकार के मंत्री संजय निषाद का बड़ा फैसला, प्रदेश प्रभारी पद से बेटे को हटाया,
विपक्ष पर साधा निशाना
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
UP Politics: योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसने प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। दिल्ली में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन के बाद उन्होंने अपने ही विधायक बेटे सरवन निषाद को पार्टी के प्रदेश प्रभारी पद से हटा दिया। उनकी जगह बाबूराम निषाद को यह जिम्मेदारी दी गई है। इस फैसले के बाद संजय निषाद ने साफ संदेश दिया है कि उनके लिए संगठन और समाज पहले है, परिवार बाद में। उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते हुए अपने बेटे को पद से मुक्त करना इस बात का सबूत है कि निषाद पार्टी परिवारवाद की राजनीति में भरोसा नहीं करती।
परिवारवाद पर विपक्ष को करारा जवाब
संजय निषाद ने इस कार्रवाई के जरिए विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि अक्सर उन पर परिवारवाद का आरोप लगाया जाता रहा है, लेकिन बेटे को पद से हटाने के उनके निर्णय ने विपक्ष के आरोपों को झूठा साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि हमारा परिवार हमेशा समाज की सेवा और संघर्षों के लिए समर्पित रहा है। राजा का बेटा ही राजा बने इस नीति पर सवाल उठाने वालों के लिए यह बड़ा संदेश है। उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों से भी आह्वान किया कि वे समाज में सकारात्मक संदेश देने के लिए ऐसे ही साहसिक फैसले लें।
संगठन में नई टीम की जिम्मेदारी
दिल्ली अधिवेशन के बाद प्रदेश स्तर की पहली बैठक में संगठन में बड़े बदलाव किए गए। संजय निषाद ने सरवन निषाद को हटाकर बाबूराम निषाद को प्रदेश प्रभारी बनाया। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य रविन्द्र मणि निषाद को राष्ट्रीय कमेटी में पदोन्नत किया गया है। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष पद से रविन्द्र मणि निषाद को हटाकर व्यास मुनि निषाद को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
बदलाव से नई ऊर्जा की उम्मीद
संजय निषाद ने कहा कि संगठन में बदलाव समय की मांग है। नई टीम के साथ नई ऊर्जा का संचार होगा और पार्टी को मजबूती मिलेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि यह कदम निषाद पार्टी को आने वाले समय में और सशक्त बनाएगा और समाज की भलाई के लिए संगठन ज्यादा मजबूती से काम करेगा।