चाचा ने खोला 50 साल पुराना राज,
जानें क्यों शिवपाल ने मुलायम को कमरे में बंद कर बाहर से लगाया ताला
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की सियासत में हमेशा अहम भूमिका निभाने वाले ‘चाचा’ शिवपाल सिंह यादव ने अपने राजनीतिक सफर का एक बड़ा किस्सा साझा किया है। समाजवादी पार्टी सुप्रीमो और अपने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव के साथ बिताए शुरुआती दिनों को याद करते हुए शिवपाल ने बताया कि कैसे उन्होंने 1975 में इमरजेंसी के दौरान मुलायम को पुलिस से बचाने के लिए उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया था। उस दौर में शिवपाल खुद बी.ए. के छात्र थे और इटावा में किराए के मकान में रहते थे।
इमरजेंसी का ऐलान और पुलिस की दबिश
शिवपाल सिंह यादव ने एक पॉडकास्ट में कहा कि 1975 में इमरजेंसी की घोषणा अचानक हुई थी। शाम सात बजे उन्होंने ट्रांजिस्टर पर यह ऐलान सुना और इसके बाद सड़कों पर पुलिस की गाड़ियां दौड़ने लगीं। उसी समय पुलिस उनके मकान पर भी पहुंच गई और पूछा कि विधायक जी (मुलायम सिंह यादव) कहां हैं। उस वक्त मुलायम घर पर नहीं थे और एक शादी में गए हुए थे।
पुलिस को चकमा और मुलायम को कमरे में किया बंद
शिवपाल ने बताया कि उन्होंने पुलिस को गलत दिशा में जानकारी देकर चकमा दिया। पुलिस को पश्चिम दिशा का नाम बताया, जबकि मुलायम पूरब दिशा में शादी में गए थे। देर रात जब मुलायम घर लौटे, तो पुलिस से बचाने के लिए उन्हें एक कमरे में बंद कर बाहर से ताला लगा दिया गया। अगले दिन सुबह 4 बजे मोटरसाइकिल से उन्हें सैफई गांव भेजा गया। वहां करीब 10 से 15 दिन तक वह गिरफ्तारी से बचे रहे।
भेष बदलकर लखनऊ जाना और गिरफ्तारी
इसके बाद मुलायम ने अपने राजनीतिक गुरु नत्थू सिंह यादव से सलाह ली। दांत की समस्या के बहाने उन्हें पैंट-शर्ट पहनाकर भेष बदलकर लखनऊ भेजा गया। ट्रेन में उल्टी दिशा से बैठाकर डॉक्टर को दिखाया गया और फिर वापस सैफई लौटाया गया। इसके बाद भी कुछ दिन गिरफ्तारी से बचते रहे, लेकिन आखिरकार पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। मुलायम करीब 18 से 19 महीने जेल में रहे।