सपा की इंस्टा क्वीन मुस्कान मिश्रा को महंत राजू दास से मुलाकात के बाद हटाया गया,
जानें क्या है मामला
10 days ago Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश की राजनीति में बुधवार को समाजवादी पार्टी से जुड़ी एक बड़ी हलचल देखने को मिली। पार्टी की महिला इकाई समाजवादी महिला सभा’ की राष्ट्रीय सचिव मुस्कान मिश्रा को उनके पद से अचानक हटा दिया गया। महज तीन महीने पहले जुलाई में उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। लेकिन अयोध्या में हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास से उनकी मुलाकात का वीडियो वायरल होते ही विवाद खड़ा हो गया। इस घटना ने सपा खेमे में नाराजगी की लहर पैदा कर दी।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं मुस्कान मिश्रा लखनऊ की 22 वर्षीय मुस्कान मिश्रा एक जानी-मानी सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर हैं। उनके इंस्टाग्राम अकाउंट (@muskan_.mishra_) पर करीब 6.68 लाख फॉलोअर्स हैं। वे नियमित रूप से सपा की नीतियों का प्रचार करने वाली रील्स और वीडियो बनाती थीं। मुस्कान को पार्टी ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर युवा वोटरों को जोड़ने की जिम्मेदारी दी थी। लेकिन रविवार को जब उनका महंत राजू दास से आशीर्वाद लेते हुए वीडियो वायरल हुआ, तो सपा के अंदर असंतोष फैल गया।
वायरल वीडियो ने बढ़ाया विवाद यह वीडियो प्रतापगढ़ के व्यवसायी सूरज पांडेय ने अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया था। इसमें मुस्कान महंत राजू दास के चरण स्पर्श करती नजर आईं। वीडियो के सामने आने के बाद सपा के कार्यकर्ता भड़क उठे। पार्टी नेताओं का कहना था कि मुस्कान का यह कदम पार्टी विरोधी गतिविधि है, क्योंकि महंत राजू दास पहले भी सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी कर चुके हैं।
महंत राजू दास का विवादित बयान और सपा की सख्ती महाकुंभ मेले के दौरान महंत राजू दास ने मुलायम सिंह की मूर्ति पर टिप्पणी करते हुए कठमुल्ला जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। उस समय सपा ने इसका कड़ा विरोध किया था। ऐसे में मुस्कान की उनसे मुलाकात को पार्टी ने नेताजी के अपमान का समर्थन माना। इसी कारण सपा महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष जूही सिंह ने सोमवार को आदेश जारी कर मुस्कान को “तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया। जूही सिंह ने कहा, नेताजी हम सबके प्रेरणास्रोत थे और रहेंगे। उनके सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं होगा।
मुस्कान मिश्रा की सफाई निष्कासन के बाद मुस्कान ने कहा, मुझे महंत राजू दास के बयानों की जानकारी नहीं थी। मैं सिर्फ आशीर्वाद लेने गई थी। पद छिन गया, लेकिन मैं सपा की एक कार्यकर्ता के रूप में काम करती रहूंगी। सोशल मीडिया पर उनके इस बयान पर मिश्रित प्रतिक्रियाएं आईं। कुछ ने सपा की कार्रवाई को उचित बताया, जबकि कुछ ने इसे पार्टी की असहिष्णुता कहा।