31 साल से सपा के कब्जे में लाखों की जमीन, किराया सिर्फ 250 रुपये…
अब मुरादाबाद में भी कार्रवाई की तैयारी
1 days ago
Written By: Ashwani Tiwari
Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी (सपा) के जिला कार्यालय को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। शहर के सिविल लाइंस इलाके के चक्कर की मिलक क्षेत्र में स्थित इस कार्यालय को लेकर अब सवाल उठने लगे हैं। मामला तब चर्चा में आया जब सुप्रीम कोर्ट ने पीलीभीत में सपा द्वारा 115 रुपये के मासिक किराए पर नगर पालिका की जमीन पर कब्जा करने को राजनीतिक ताकत का दुरुपयोग करार दिया। अब मुरादाबाद में भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है, जहां सपा को 31 साल पहले महज 250 रुपये महीने के किराए पर बेशकीमती जमीन दी गई थी।
सत्ता के दुरुपयोग का शक
जानकारी के मुताबिक, यह जमीन वर्ष 1994 में उस समय सपा सरकार के कार्यकाल में आवंटित की गई थी। यह आरोप है कि यह आवंटन नियमों के विरुद्ध जाकर किया गया और इसका मकसद राजनीतिक लाभ लेना था। आज उस जमीन की बाजार कीमत लाखों रुपये में आंकी जा रही है, लेकिन सपा उसे सिर्फ 250 रुपये महीने की दर से इस्तेमाल कर रही है। यह मामला भी अब पीलीभीत की तरह सत्ता के दुरुपयोग की श्रेणी में माना जा रहा है।
नगर निगम ने शुरू की कार्रवाई
मुरादाबाद नगर निगम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हाल ही में उक्त संपत्ति का निरीक्षण किया है। नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने इस जमीन को अवैध कब्जे की श्रेणी में रखते हुए जिला अधिकारी को एक रिपोर्ट भी भेज दी है। रिपोर्ट के आधार पर निगम ने कब्जा हटाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। अगर यह कब्जा अवैध पाया गया, तो जल्द ही सपा को यह दफ्तर खाली करना पड़ सकता है।
सपा नेताओं की चुप्पी
इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, स्थानीय नेताओं का कहना है कि यह आवंटन काफी पुराना है और पूरी प्रक्रिया वैधानिक थी। लेकिन दस्तावेजों की उचित जांच न होने के कारण उनके दावे कमजोर पड़ते दिख रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की हालिया टिप्पणी के बाद पार्टी बैकफुट पर नजर आ रही है।