बकरीद को लेकर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने साधा सरकार पर निशाना,
बोले- सरकार की शह पर हो रही पशुओं की हत्या
2 days ago
Written By: NEWS DESK
Bakrid 2025: आज देशभर में बकरीद (ईद-उल-अजहा) का त्योहार पूरे धार्मिक श्रद्धा और परंपरा के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। प्रशासन की अपील है कि लोग सौहार्दपूर्ण माहौल में पर्व मनाएं। इसी बीच ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का एक तीखा बयान सामने आया है। उन्होंने बकरीद पर हो रही पशु हत्या को लेकर सरकार पर सवाल उठाए हैं।
मुसलमानों को किस आधार पर दी जा रही है पशु हत्या की अनुमति?
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सवाल उठाते हुए कहा कि धार्मिक कारणों से किसी भी पशु की हत्या नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जैसे ही किसी मामले में मुसलमानों का नाम आता है, सरकार नपुंसक बन जाती है और कोई कार्रवाई नहीं करती।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की सह पर ही मुसलमान गौहत्या और अन्य पशु हत्याएं कर रहे हैं। अब हिंदुओं को सोचना चाहिए कि वे किसे वोट देकर सरकार में भेज रहे हैं, क्योंकि वर्तमान में कोई भी राजनीतिक दल हिंदुओं की बात नहीं कर रहा।
यह कैसा धर्म है जो बलिदान के नाम पर हत्या को सही ठहराता है?
शंकराचार्य ने कहा कि "यह कैसा धर्म है, जिसमें त्योहार मनाने के नाम पर एक निर्दोष प्राणी को काटा जाता है? धर्म में तो 'सबसे प्रिय वस्तु' की बलि की बात होती है, न कि बाजार से लाकर किसी बकरे को मार देने की।" उन्होंने दोहराया कि धार्मिक कारणों से किसी भी पशु की हत्या स्वीकार्य नहीं होनी चाहिए।
गौ प्रतिष्ठा आंदोलन शुरू करने की घोषणा
उन्होंने यह भी कहा कि, देश में गौहत्या लगातार जारी है और जो लोग गौ रक्षा करते हैं उन्हें ही कानूनी दंड मिल रहा है। ऐसे हालात में उन्होंने गौ प्रतिष्ठा आंदोलन शुरू करने की घोषणा की है।
ऑपरेशन सिंदूर पर भी जताई नाराजगी
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि, इस अभियान की शुरुआत से उन्हें बहुत उम्मीद थी, लेकिन अब इसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे उन्हें लज्जा हो रही है।
उन्होंने कटाक्ष करते हुए आगे कहा है कि, “3-4 आतंकी दूसरे देश से आकर हमारे देश के 26 लोगों को मारकर चले जाते हैं और सरकार कुछ नहीं कर पाती है। मां का दूध लजा रहा है। हमने ऐसा भारत कभी नहीं देखा, जैसा आज बना दिया गया है।"