तेजस्वी यादव की मुसीबतें बढ़ीं, PM मोदी पर की टिप्पणी, दो राज्यों में दर्ज हुई FIR,
जानें क्या है पूरा मामला
1 months ago
Written By: Ashwani Tiwari
UP Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कानूनी संकट में फंस गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में अब उनके खिलाफ उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में मुकदमा दर्ज हो गया है। इस घटनाक्रम ने चुनावी सियासत को और भी गरमा दिया है। बीजेपी नेताओं का कहना है कि यह प्रधानमंत्री ही नहीं बल्कि देश और जनता का भी अपमान है, जबकि आरजेडी समर्थक इसे मुद्दों पर सवाल उठाने का तरीका बता रहे हैं।
शाहजहांपुर में दर्ज हुआ केस
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में बीजेपी महानगर अध्यक्ष शिल्पी गुप्ता ने थाना सदर बाजार में शिकायत दी। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के खिलाफ की गई अभद्र टिप्पणी पूरे देश का अपमान है और इससे जनता आक्रोशित है। शिकायत के आधार पर पुलिस ने तेजस्वी यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। शिल्पी गुप्ता ने तेजस्वी पर सख्त कार्रवाई की मांग भी की है।
क्या था तेजस्वी यादव का पोस्ट
दरअसल, 22 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गया दौरे से पहले तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक कार्टून पोस्ट किया था। इस कार्टून में पीएम मोदी को दुकानदार के रूप में दिखाया गया था और दुकान के बाहर बोर्ड पर लिखा था बयानबाजी की मशहूर दुकान। इस पोस्ट के साथ तेजस्वी ने सवाल किया कि बिहार में एनडीए के 20 साल और खुद के 11 साल के शासन का हिसाब कब देंगे। बीजेपी नेताओं ने इस पोस्ट को प्रधानमंत्री के खिलाफ सीधी और आपत्तिजनक टिप्पणी बताया है।
महाराष्ट्र में भी FIR
तेजस्वी यादव के खिलाफ महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में भी मामला दर्ज हुआ है। यहां बीजेपी विधायक मिलिंद रामजी नरोटे ने पुलिस में शिकायत दी। उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक पोस्ट किया। इस शिकायत के आधार पर गढ़चिरौली थाने में FIR दर्ज कर ली गई है।
चुनावी माहौल में बढ़ी गरमी
तेजस्वी यादव का यह पोस्ट चुनावी माहौल को और गरमा रहा है। बीजेपी का कहना है कि यह जनता का भी अपमान है, वहीं आरजेडी समर्थकों का कहना है कि उन्होंने व्यंग्य के जरिए बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछे हैं। अब देखना यह होगा कि यह मामला केवल राजनीतिक बहस तक सीमित रहता है या तेजस्वी यादव को कानूनी कार्रवाई का भी सामना करना पड़ेगा।